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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी Photograph: (social media)
बांग्लादेश में अभी भी हिंदुओं पर अत्याचार थम नहीं रहे हैं. इस बात का खुलासा ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटिज (HRCBM) की रिपोर्ट में हुआ है. इस बीच जमात-ए-इस्लामी से गठबंधन करने के एनसीपी के कई नेताओं ने इसका विरोध किया है और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि 2024 में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं. एचआरसीबीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2025 से दिसंबर 2025 तक देश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ ईशनिंदा से जुड़ी करीब 71 घटनाएं हुई हैं.
पीरोजपुर में हिंदू घरों में लगाई आग
इस बीत बीते दिनों पीरोजपुर जिले के डुमरीताला गांव में एक हिंदू परिवार के कम से कम पांच घरों में आग लगा दी गई. इस हमले को अल्पसंख्यकों के खिलाफ टारगेट हमला माना जा रहा है. स्थानीय अधिरकारियों की मानें तो हालांकि आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चला है. वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि, हमलावरों ने कथित तौर पर एक कमरे में कपड़ा भरकर आग लगा दी. उसके बाद इस आग ने पूरे घर को आगोश में ले लिया.
आग लगने से डरा हुआ है पूरा परिवार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग लगने की इस घटना के बाद पूरा परिवार बुरी तरह से डरा हुआ है. इसके साथ ही परिवार के सदस्य आग लगने की वजहों का भी जवाब देने से बच रहा है. फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि जब वे सुबह जागे तो घर में आग लगने लगी. घर के दरवाजे बाहर से बंद थे. इस दौरान परिवार के सदस्य बांस की बाड़ काटकर बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन आग में घर का पूरा सामान जलकर खाक हो गया. ये घटना ढाका से करीब 240 किमी दूर हुई.
जमात से गठबंधन को लेकर फूटा एनसीपी नेताओं का गुस्सा
उधर फरवरी में होने वाल आम चुनाव के लिए नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) और जमात-ए-इस्लामी ने गठबंधन का एलान किया है. लेकिन बांग्लादेश को पाकिस्तान की राह पर जाता देख एनसीपी के कई नेताओं ने नाराजागी जताई और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. दरअसल, जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश को पाकिस्तान की तरह एक कट्टर इस्लामिक राष्ट्र बनाने की सोच रखती है. ऐसे में छात्र नेताओं ने इसका विरोध किया है. बता दें कि नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) का गठन पिछले साल शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद हुआ था. जिसका नेतृत्व छात्र नेता करते हैं.
छात्र नेताओं ने किया गठबंधन का विरोध
बता दें कि जमात ए इस्लामी जैसे कट्टर इस्लामवादी संगठन से गठबंधन करने की वजह से पार्टी के सीनियर छात्र नेता बेहद नाराज नजर आए. उसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया. बता दें कि जब पार्टी का गठन हुआ था तब उन्होंने जमात-ए-इस्लामी का समर्थन किया था, लेकिन अब एनसीपी के की बड़े नेता जमात का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि एनसीपी को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए.
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