अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर 12 देशों पर प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. इसमें अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के लोगों को शामिल किया है. यहां के लोगों पर ट्रैवल बैन लगाया गया है. अब इन देशों के लोग अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. इन देशों पर ट्रैवल बैन सोमवार दोपहर 12 बजे से लागू किया गया. यह पहली बार नहीं है जब यह ट्रैवल बैन ट्रंप की ओर से लगाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस तरह का बैन लगाकर देश के अंदर राष्ट्रभक्ति की भावना को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. इस तरह के फैसलों को लेकर वह हमेशा से विवादों में घिर रहे हैं.
ट्रंप ने पहले ही दिए थे संकेत
राष्ट्रपति ट्रंप ने 12 देशों पर ट्रैवल बैन को लगाते हुए कहा, 'मेरे पहले कार्यकाल के दौरान मैंने देशी नागरिकों के संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई थी. इसने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों को हमारी सीमाओं तक आने से रोका. इससे सर्वोच्च न्यायालय ने बनाए रखा. वहीं ट्रंप ने 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल को संभालते ही इसके संकेत दिए'.
पहले भी लगी थी रोक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में सात मुस्लिम देशों- इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोगों पर इस तरह की रोक लगाई थी. इनकी अमेरिका में एंट्री पर रोक थी. ट्रंप के फैसले पर मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह का आरोप लगा है. उस समय ट्रंप और अन्य लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को नाम पर इस पाबंदी का बचाव किया. यही तर्क था कि देश की सुरक्षा को मजबूत करना है.
काफी आक्रामक भाषण देते आए हैं.
अमेरिका की प्रतिबंधित लिस्ट में सबसे अधिक मुस्लिम देश हैं. इन देशों के लोगों पर ट्रैवल बैन से ट्रंप अपनी नीति को स्पष्ट कर देना चाहते हैं. जिस देश से अमेरिका को खतरा हो सकता है. उस देश के शख्स को अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. ट्रंप ने चुनाव के समय भी काफी आक्रामक भाषण देते आए हैं. उन्होंने जनता से कई वादे किए थे. अब वह इन्हें पूरा करने में लगे हैं.