अमेरिका ने महाबम से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया हमला, जानिए कितने घातक हैं ये हथियार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस चेतावनी को लगातार दोहरा रहे थे आखिरकार उन्होंने वो कर दिखाया. अमेरिका ने इजराइल और ईरान के बीच चल रही जंग में एंट्री ले ली और अब महाबम से ईरान के तीन परमाणों ठिकानों को हमला बोल दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस चेतावनी को लगातार दोहरा रहे थे आखिरकार उन्होंने वो कर दिखाया. अमेरिका ने इजराइल और ईरान के बीच चल रही जंग में एंट्री ले ली और अब महाबम से ईरान के तीन परमाणों ठिकानों को हमला बोल दिया.

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Dheeraj Sharma
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US Attacked Iran

America attacked Iran: ईरान और इस्राइल में बढ़ते तनाव के बीच अब अमेरिका भी खुलकर मैदान में आ गया है. अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमला किया है. इस हमले में अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक B-2 स्टेल्थ बॉम्बर और खतरनाक बंकर-भेदी बम GBU-57A/B MOP (Massive Ordnance Penetrator) का इस्तेमाल किया है. इन्हें अमेरिका के महाबम भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा.  दावा किया जा रहा है कि इस हमले में ईरान के Fordow परमाणु ठिकाने को गंभीर नुकसान पहुंचा है. आइए जानते हैं अमेरिका के ये महामब कितने घातक हैं और इनकी क्या खासियत है. 

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क्या है GBU-57 MOP बम? क्यों कहा जाता है 'महाबम'?

GBU-57A/B MOP एक सुपर बंकर बस्टर बम है, जिसे विशेष रूप से गहराई में बने ठिकानों को तबाह करने के लिए तैयार किया गया है. यह अमेरिका में बना अब तक का सबसे भारी गैर-परमाणु बम है. इसका वजन लगभग 30,000 पाउंड होता है, जिसमें से 5,300 पाउंड सिर्फ विस्फोटक होते हैं.

इसकी लंबाई करीब 20.5 फीट होती है और यह 31.5 इंच चौड़ा होता है. इस बम को बोइंग ने डिजाइन और तैयार किया है, और 2015 से अमेरिकी सेना के बेड़े में शामिल किया गया है.

200 फीट जमीन के नीचे मचाता है तबाही

GBU-57 को इतना खतरनाक बनाने वाली उसकी पेनिट्रेशन कैपेसिटी है. यह बम जमीन के 200 फीट नीचे तक घुसकर वहां धमाका कर सकता है. इसके लिए इसमें खास तरह की हाई-डेंसिटी स्टील जैकेटिंग होती है, जो अत्यधिक दबाव और रगड़ को सहने में सक्षम है.

यह बम मिलिट्री ग्रेड GPS सिस्टम की मदद से बेहद सटीकता से लक्ष्य को भेदता है. इसकी सटीकता और ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पहले के बंकर बस्टर BLU-109 की तुलना में दस गुना ज्यादा विनाशकारी है.

क्यों इस्राइल चाहता था अमेरिका का दखल?

Fordow परमाणु ठिकाना ईरान के सबसे सुरक्षित और गहराई में बने केंद्रों में से एक है. ऐसे में आम मिसाइल या बम इससे कोई खास नुकसान नहीं कर सकते थे. इसी वजह से इस्राइल ने अमेरिका से आग्रह किया था कि वह GBU-57 जैसे महाबम का इस्तेमाल करे, ताकि ईरान की परमाणु क्षमता को जड़ से खत्म किया जा सके.

सिर्फ अमेरिका के पास है यह विनाशकारी हथियार

GBU-57 MOP जैसे घातक बम सिर्फ अमेरिका के पास हैं. इसकी भारी डिजाइन और खास विमान की जरूरत के कारण इसे सिर्फ B-2 स्टेल्थ बॉम्बर से ही ले जाया जा सकता है. अमेरिका ने बोइंग से ऐसे 20 बम बनवाए थे. इस बम का उत्पादन और संचालन इतनी जटिल प्रक्रिया है कि इसे कोई अन्य देश फिलहाल नहीं बना पाया है.

 क्या बढ़ेगा युद्ध?

इस हमले के बाद मध्य पूर्व में हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. अमेरिका का यह कदम सिर्फ सैन्य हमला नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश भी है—कि वह अपने मित्र देशों के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और उसके पास ऐसे हथियार हैं जो धरती के अंदर भी दुश्मन को ढूंढ निकाल सकते हैं। अब देखना होगा कि ईरान इस हमले 

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