US Ukraine Aid: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस का असर अब दिखाई देने लगा है. अमेरिका अब यूक्रेन की मदद करने के मूड में नहीं है. इस पर प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के बयान ने मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा 'अमेरिका अब यूक्रेन को सैन्य सहायता नहीं देगा. उनकी प्राथमिकता शांति वार्ता है. अब हम वास्तविक, स्थायी शांति के बिना किसी दूर के देश में युद्ध के लिए खाली चेक नहीं भरने वाले हैं.’ इसका मतलब यह है कि अब अमेरिका यूक्रेन को पहले की तरह राशि नहीं देने वाला है.'
सैन्य सहायता शिपमेंट को रोकने की तैयारी
डोनाल्ड ट्रंप के साथ वोलोदिमीर जेलेंस्की की तीखी बहस को लेकर नाराजगी भी लेविट के बयान में दिखाई दी. उन्होंने कहा 'अच्छा हुआ कि कैमरे चल रहे थे. अमेरिका और पूरी दुनिया ने यह नजारा देखा. दुनिया को पता चला कि बंद दरवाजे के पीछे क्या बातें होती हैं.' इस दौरान अमेरिकी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आईं कि ट्रंप प्रशासन अरबों डॉलर की यूक्रेन में चल रही सभी सैन्य सहायता शिपमेंट को रोकने की तैयारी कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जेलेंस्की ने जिस तरह की टिप्पणियां की हैं, इसके जवाब में ऐसा किया जाएगा. अब अगर फंडिंग को रोक दिया जाता है तो अरबों डॉलर के राडार, वाहन, गोला-बारूद और मिसाइलों की आपूति को रोक दिया जाएगा.
अमेरिका से रवाना हुए जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अब व्हाइट हाउस से रवाना हो चुके हैं. उन्होंने यूक्रेन के समर्थन के लिए डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका का आभार व्यक्त किया है. शुक्रवार को ओवल में बैठक के दौरान ट्रंप ने जेलेंस्की के प्रति तीखा रुख अपनाया था. उन्होंने कहा कि आप एक मूर्ख राष्ट्रपति हैं. आपने लाखों जिंदगियों पर दांव खेला है. यह युद्ध अगर जारी रहता है तो यह तीसरे विश्व युद्ध हो जाएगा. इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा कि वह शांति चाहते हैं. मगर इसके लिए रूस को शर्तें माननी होंगी. उनकी पहली शर्त है कि यूक्रेन को नाटो देशों में शामिल किया जाए. वहीं उनके देश पर दोबारा कभी भी रूस अटैक न करे. इसके बाद काफी देर तक ट्रंप से उनकी बहस भी हुई. बाद में अमेरिका के साथ अहम खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना जेलेंस्की व्हाइट हाउस से निकल गए.