बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से यहां पर अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं. इसको लेकर भारत के साथ अमेरिका ने भी चिंता जताई है.अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस मामले मे मोहम्मद यूनुस से फोन पर बात भी की. अल्पसंख्यकों के मामले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से फोन पर बातचीत की. इस दौरान यूनुस बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के मामले में बढ़ते आक्रोश को लेकर सभी धर्म के लोगों की रक्षा पर सहमत हुए.
धर्म की रक्षा को लेकर प्रतिबद्धता जताई
दोनों के बीच बातचीत की जानकारी देते हुए व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने सभी लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान किया है. इसके साथ रक्षा करने की प्रतिबद्धता जताई है. कहा जा हा यूनुस सरकार ने हर धर्म की रक्षा को लेकर प्रतिबद्धता जताई है. व्हाइट हाउस ने अपने बयान में आगे कहा कि 'सुलिवन ने एक समृद्ध, स्थिर और लोकतांत्रिक बांग्लादेश को लेकर अमेरिका के समर्थन को दोहराया है. उन्होंने कहा कि देश में आने वाली चुनौतियों को लेकर अमेरिका उसकी सहायता करता रहेगा.
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यूनुसा सरकार पर काफी नाराज हुए
अमेरिकी सांसद जेक सुलवन इस दौरान यूनुस सरकार पर काफी नाराज हुए. भारतीय मूल के अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद श्री थानेदार ने अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर बांग्लादेश को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ते मानवाधिकार उल्लंघन का देखते हुए उस पर टार्गेटेड प्रतिबंधों को लगाया जाना जरूरी है. भारत की ओर से वित्त और विदेश विभाग से आग्रह किया गया है कि वो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम देने वालों पर प्रतिबंध लगाएं. इसके साथ उसे लागू भी करें. अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद श्री थानेदार का कहना है कि जुलाई से बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. हिंसा की वजह से शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
राजनीतिक उथल-पुथल में परेशान होते देखा
अमेरिकी सांसद थानेदार के अनुसार, हमने बांग्लादेश को राजनीतिक उथल-पुथल में परेशान होते देखा है. यहां की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी हिंदू, बौद्ध और ईसाई अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर निशाना साध रही है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार का गठन देश के लिए स्थायी शांति का एक प्रयास होगा. इस नई सरकार की के कारण उनकी चिंताएं बढ़ी हैं.