भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है. इस दौरान पाकिस्तान ने मंगलवार से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालनी शुरू कर दी है. सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के दो साल के कार्यकाल का हिस्सा है.
सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया
पाकिस्तान जनवरी 2025 में दो साल के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया था. पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में समर्थन के साथ सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया. उसे 193 में से 182 वोट हासिल हुए. सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का पद मासिक आधार पर 15 सदस्यों के बीच बारी-बारी से बदलता रहता है.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तियार अहमद ने कहा कि जुलाई में प्रमुख वैश्विक मामलों पर सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता पारदर्शी और उत्तरदायी होगी. अहमद प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं.
भारत के लिए ये है खतरा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को बड़ा सबक सिखाया. इसका बदला अब पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनकर ले सकता है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस माह पाकिस्तान भारत के खिलाफ बड़ा नैरेटिव बनाने का प्रयास करेगा. बीते दिनों भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पानी को रोककर पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसाया था. इसके बाद से पाकिस्तान भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है. अब यूएनएससी की अध्यक्षता मिलने के बाद वह भारत के खिलाफ झूठी बातें बोलकर प्रचार कर सकता है.
क्या है सुरक्षा परिषद
सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं. इनमें से पांच स्थायी होते हैं. यह हैं चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं. वहीं अन्य 10 सदस्यों का चुनाव हर दो वर्ष में संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्य लक्ष्य विश्व में शांति और सुरक्षा स्थापित करना है. वीटो के अधिकार वाले देश सुरक्षा परिषद में किसी निर्णय (प्रस्ताव) को रोकने की ताकत रखते हैं. चाहे अधिकतर सदस्यों ने इसके पक्ष में वोटिंग क्यों न की हो.