अफगानिस्तान में साल 2021 में तख्तापलट हुआ था, तब आतंकी संगठन तालिबान ने अंतरिम सरकार का गठन किया था. इस दौरान अंतरिम सरकार में मंत्री पद ताकत के आधार पर दिए गए थे. उस समय हक्कानी ग्रुप को ताकत के आधार पर तीन मंत्री पद दिए गए. वक्त के साथ-साथ इन गुटों में काफी टकराव बढ़ता गया. अब आलम यह है कि एक गुट पूरे तालिबान में कब्जा जमाने की कोशिश में लगा है. इस बीच तालिबान के तीन बड़े चेहरों ने देश को छोड़ दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ताकतवर तालिबान नेता सिराजुद्दीन हक्कानी ने फिलहाल अफगानिस्तान को छोड़ दिया है. उनके अलावा सिराजुद्दीन हक्कानी संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के दौरे पर निकले थे. मगर उनकी अब तक वापसी नहीं हो पाई है. उनके पास अफगानिस्तान का ताकतवर विभाग केंद्रीय आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय है.
दिग्गज नेता देश छोड़कर भागे
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रभारी अब्बास स्टानिकजई भी अफगानिस्तान के बाहर हैं. वे भी काफी लंबे समय से अफगानिस्तान वापस नहीं आए हैं. वे इलाज कराने के लिए विदेश निकले हैं. उनके अलावा तालिबान के एक और मजबूत कद्दावर नेता मुल्ला बरादर भी लंबे समय से विदेश में रह रहे हैं.
तीनों मंत्री अभी तक वापस नहीं पहुंचे
हालांकि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का कहना है कि यहां पर सबकुछ ठीक चल रहा है. विदेश गए मंत्री वापस काबुल आ चुके हैं. मगर सच्चाई यह है कि तीनों मंत्री अभी तक अफगानिस्तान वापस नहीं पहुंचे हैं. अंदर की बात यह है कि तीनों नेताओं को स्वदेश लाने की कवायद चल रही है. तालिबान का शीर्ष नेतृत्व उनसे बातचीत में लगा हुआ है.
कई नामों पर चर्चाओं का दौर जारी
तीनों मंत्रियों ने वापसी से इनकार कर दिया है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में बड़े बदलाव होने की संभावना बनी हुई है. कई नामों पर चर्चाओं का दौर जारी है. ऐसा बताया जा रहा है कि गुटों की लड़ाई के कारण सरकार में अस्थिरता देखी जा रही है. सरकार में शामिल लोगों को डर है कि इस लड़ाई में कई उनकी जिंदगी खतरे में न आ जाए.