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US lady deport india Photograph: (Social)
New Delhi: पंजाब की रहने वाली 73 वर्षीय हरजीत कौर को अमेरिका से निर्वासित कर भारत भेजा गया है. गुरुवार शाम वह 131 अन्य भारतीय नागरिकों के साथ दिल्ली पहुंचीं. जानकारी के मुताबिक, कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) अधिकारियों ने उन्हें एक नियमित चेक-इन के दौरान हिरासत में लिया था.
फ्लाइट में बुरे बर्ताव का आरोप
हरजीत कौर की पैरवी कर रहे वकील दीपक अहलूवालिया ने आरोप लगाया कि ICE अधिकारियों ने उन्हें और अन्य यात्रियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया. उन्होंने बताया कि एक अधिकारी हरजीत कौर को हथकड़ी और बेड़ियां लगाने जा रहा था, लेकिन उनकी उम्र देखते हुए दूसरे अधिकारी ने ऐसा करने से रोका.
वकील ने यह भी कहा कि कौर को कमर्शियल फ्लाइट की बजाय ICE द्वारा चार्टर्ड किए गए एक छोटे विमान से भेजा गया. इस दौरान उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दी गईं. यहां तक कि उन्हें फ्लोर पर सोना पड़ा और नहाने की सुविधा भी नहीं दी गई.
घुटनों की सर्जरी के बाद मुश्किलें
हरजीत कौर की दोनों घुटनों की सर्जरी हो चुकी है, ऐसे में फर्श से उठना उनके लिए बेहद मुश्किल था. वकील का कहना है कि उनकी क्लाइंट को इस यात्रा के दौरान अपमान और तकलीफ झेलनी पड़ी.
अमेरिका में 30 साल का सफर
हरजीत कौर 1992 में बतौर सिंगल मदर अपने दो बेटों के साथ अमेरिका गई थीं. वे उत्तरी कैलिफोर्निया के ईस्ट बे क्षेत्र में रहती थीं और पिछले 30 वर्षों से वहीं बसी हुई थीं. हालांकि, उनके पास दस्तावेज नहीं थे, लेकिन उन्होंने लगातार 13 वर्षों तक हर छह महीने पर ICE के सामने पेश होकर कानून का पालन किया.
कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
उनकी बहू मंजी कौर के मुताबिक, हरजीत कौर ने हमेशा वर्क परमिट के लिए आवेदन किया, टैक्स भरा और कभी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया. उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तक नहीं है. मंजी कौर ने बताया कि 2012 में उनका शरण (Asylum) अनुरोध खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी अधिकारियों से बचने की कोशिश नहीं की. बल्कि उन्होंने खुद भारतीय दूतावास से ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स तक मांगे थे, जो उन्हें नहीं मिले.
अमेरिकी सांसदों ने उठाई आवाज
कांग्रेसमैन जॉन गरामेंडी, जो कैलिफोर्निया के आठवें जिले से डेमोक्रेट सांसद हैं, ने हरजीत कौर के निर्वासन की आलोचना की. उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि “73 वर्षीय महिला, जो समुदाय की सम्मानित सदस्य हैं और जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उनके खिलाफ कार्रवाई करना अमानवीय है.” हरजीत कौर का मामला न सिर्फ अमेरिका की आव्रजन नीतियों पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि दशकों से बसे प्रवासियों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है.
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