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Katas Raj Mandir (File)
देश-दुनिया में बुधवार को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि की मान्यता हिंदू धर्म में काफी अधिक है. हिंदू धर्म को मानने वाले महाशिवरात्रि पर व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ को खुश करते हैं. महाशिवरात्रि मनाने के लिए 110 भारतीय सोमवार को पाकिस्तान पहुंचे. सभी भारतीय पाकिस्तान के प्राचीन कटास राज मंदिर के महाशिवरात्रि आयोजन में शामिल होंगे. भारतीय श्रद्धालुओं का दल अटारी-वाघा बोर्डर के माध्यम से पाकिस्तान पहुंचा.
महाशिवरात्रि पर हर साल पाकिस्तान के लिए तीर्थयात्रा आयोजित की जाती है. केंद्रीय सनातन धर्म सभा यात्रा का आयोजन करती है. सभा के अध्यक्ष शिव प्रताप बजाज ने बताा कि तीर्थयात्री विभिन्न राज्यों से हैं. रविवार शाम को सभी दुर्गियाना मंदिर में एकत्र हुए. सोमवार सुबह हर-हर महादेव का जयकारा लगाकर वे पाकिस्तान की ओर बढ़ गए.
#WATCH | Amritsar, Punjab: Lalita Aggarwal, a pilgrim visiting Katas Raj Mahadev Temple, says, "The 'Jatha' is leaving for the Katas Raj Mahadev Temple in Pakistan on the occasion of Mahashivratri ...We visit the Katas Raj Mahadev Temple once a year to offer prayers..." pic.twitter.com/BVbVxjXX6G
— ANI (@ANI) February 24, 2025
धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए पाकिस्तान-भारत प्रोटोकॉल- 1974 बनाया गया है. इसके तहत हर साल भारत से बड़ी संख्या में हिंदू और सिख श्रद्धालु त्योहार मनाने पाकिस्तान जाते हैं.
हर साल अधिकांश 200 श्रद्धालु पाकिस्तान आ सकते हैं
पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के केंद्रीय मंत्री सैयद अताउर रहमान ने तीर्थयात्रियों की हर व्यवस्था करने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं. पाकिस्तान इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता गुलाम मोहयुद्दीन ने बताया कि त्रिलोक चंद और रघुकांत की लीडरशिप में ईटीपीबी के अतिरिक्त सचिव (मंदिर) सैफुल्लाह खोखर, उप सचिव उमर जावेद अवान, पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय हिंदू नेताओं ने सीमा पर तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया.
भारतीय दल का ऐसा है कार्यक्रम
वाघा बोर्डर पर रघुकांत ने बताया कि 'मैं पहले भी पाकिस्तान आ चुका हूं. मैं जब भी यहां आता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है. वे हमारा बहुत सम्मान करते हैं. भारतीय दल सबसे पहले लाहौर के गुरुद्वारा डेरा साहिब पहुंचे. यहां उन्होंने रात गुजारी. मंगलवार को ऐतिहासिक कटासराज मंदिर जाएंगे.
26 फरवरी को वहां महाशिवरात्रि का अनुष्ठान किया जाएगा. तीर्थयात्री चकवाल से 27 फरवरी को लाहौर आएंगे. इसके बाद दो मार्च को वे लोग भारत के लिए रवाना हो जाएंगे. पाकिस्तान दौरे के दौरान, वे विभिन्न हिंदू मंदिर जाएंगे.'
धार्मिक मान्यताओं की दृष्टि से बहुत खास है मंदिर
कटासराज मंदिर का पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए काफी ज्यादा महत्व है. मान्यताओं के अनुसार, जब माता सती ने खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया था. भगवान शंकर इस वजह से दुखी हुए और उनके आंसू की एक बूंद यहां गिर गई थी. आज भी यहां एक तालाब है, जिसे हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोग पवित्र मानते हैं.
एक मान्यता के अनुसार, पाडंवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय यहां भी काटा था. मान्यताओं का अनुसार, मंदिर में जो सरोवर स्थित है, ये वही सरोवर है, जिस पर यक्ष का अधिकार था.