logo-image

पश्चिम बंगाल: बशीरहाट और बदुरिया में जारी रहेगा कर्फ़्यू, साम्प्रदायिक झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण

फेसबुक पर डाली गयी एक पोस्ट को लेकर सोमवार की रात को बदुरिया और जिले के बशीरहाट उप-संभाग में दो समुदायों के बीच हिंसा हो गयी थी।

Updated on: 06 Jul 2017, 08:48 AM

highlights

  • उत्तर 24 परगना के बशीरहाट और बदुरिया के हिंसा प्रभावित इलाक़े में फिलहाल कर्फ्यू लगा रहेगा
  • इन इलाकों की इंटरनेट सेवा भी प्रभावित रहेगी
  • फेसबुक पर डाली गयी एक पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसा हो गयी थी

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बशीरहाट और बदुरिया के हिंसा प्रभावित इलाक़े में फिलहाल कर्फ्यू लगा रहेगा। इसके साथ ही इन इलाकों की इंटरनेट सेवा भी बंद रहेगी।

फेसबुक पर डाली गयी एक पोस्ट को लेकर सोमवार की रात को बदुरिया और जिले के बशीरहाट उप-संभाग में दो समुदायों के बीच झड़प हो गयी थी।

बता दें कि इस घटना के लोकर राज्यपाल केएन त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच गतिरोध अब भी जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्यभर में स्थानीय लोगों के शांतिरक्षण बल गठित करने का फैसला किया है जिन्हें पुलिस और राज्य प्रशासन मदद करेगा।

सोमवार शाम फेसबुक पर एक पवित्र स्थल के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट की वजह से दो समुदायों के बीच तनाव पैदा हुआ, हालांकि इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने जिले में 300 अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया है।

ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच सुलह की कोशिश में राजनाथ, राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

इससे पहले मामला बिगड़ता देख बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गृह मंत्रालय से अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की थी। ममता ने कहा कि राज्य के करीब 60 हजार बूथों पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए शांति वाहिनी तैनात की जाएंगी।

हिंसा को लेकर ममता और राज्यपाल त्रिपाठी के बीच भी ठनी हुई है। ममता ने राज्यपाल पर भाजपा के ब्लॉक अध्यक्ष की तरह काम करने और उन्हें धमकाने का आरोप लगाया।

राज भवन ने ममता के रवैये और भाषा पर हैरानी जताते हुए कहा, राज्यपाल प्रदेश के मामलों में मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकता।

पश्चिम बंगाल के 24 परगना में संप्रादायिक दंगे, केंद्र ने भेजे 300 अर्द्धसैनिक बल

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि ये केवल राज्य की जनता को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने के लिए लगाये गये हैं।

राज भवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया, राज्यपाल के खिलाफ आरोप लगाने के बजाय मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों के लिए बेहतर है कि राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाने पर ध्यान केंद्रित करें और जाति, वर्ण या संप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं करें।

इसमें कहा गया, यह कहना गलत है कि राजभवन भाजपा या आरएसएस का दफ्तर बन गया है।

पश्चिम बंगाल: सांप्रदायिक हिंसा के बाद तनाव, इंटरनेट सेवा बाधित