ये है भारत की पहली हॉरर फिल्म, देखने के बाद उड़ जाते थे लोगों के होश
भारत में हॉरर फिल्मों की शुरुआत 1949 में रिलीज हुई 'महल' फिल्म से मानी जाती है.
कमल अमरोही निर्देशित यह फिल्म ना सिर्फ अपने समय की सुपरहिट फिल्म थी, बल्कि इसने भारतीय दर्शकों को रहस्य और भूत-प्रेत की कहानियों से रूबरू भी कराया था.
'महल' को बॉम्बे टॉकीज ने प्रोड्यूस किया था और यह अपने समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी. 'महल' का निर्माण उस समय के हिसाब से बड़े पैमाने पर किया गया था.
बताया जाता है कि उस समय फिल्म पर लगभग 12 लाख रुपये का खर्च आया था. जो 1940 के दशक के लिए एक बड़ी रकम थी.
'महल' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया. फिल्म ने भारत में लगभग 25 लाख रुपये (आज के हिसाब से 200 करोड़ रुपये) की कमाई की, जो उस समय के लिए एक रिकॉर्ड था.
दर्शकों ने मधुबाला और अशोक कुमार की जोड़ी को खूब सराहा और फिल्म के गाने, जैसे आएगा आनेवाला, आज भी क्लासिक माने जाते हैं.
इसकी सफलता ने हॉरर और सस्पेंस को भारतीय सिनेमा में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई.