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एक कॉल पर मिल सकते हैं हजारों रुपए, क्या आपने सुनी बिहार सरकार की ये नई स्कीम?

बिहार में अवैध खनन और परिवहन की जानकारी देने पर नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पुरस्कार योजना शुरू की है. बड़े वाहनों की सूचना देने पर 10,000 रुपये और ट्रैक्टर जैसे छोटे वाहनों की सूचना पर 5,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी.

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Ritu Sharma
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Bihar Government Scheme

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Bihar Sand Mining: बिहार सरकार ने अवैध बालू और पत्थर खनन पर रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसे राज्य के खनन उद्योग में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए एक ठोस योजना बनाई है, जो न केवल खनन माफिया पर नकेल कसेगी, बल्कि राज्य में खनन उद्योग को भी स्वच्छ और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. इस पहल का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया है, जिन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी दी.

सार्वजनिक भागीदारी और प्रोत्साहन योजना

राज्य सरकार ने अवैध ओवरलोड वाहनों की जानकारी देने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है, जो इस योजना को और भी प्रभावी बनाएगा. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने खनन माफिया पर कठोर प्रहार करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है. इसमें जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, ट्रैक्टर जैसे छोटे वाहनों की सूचना देने पर 5,000 रुपये और ट्रक जैसे बड़े वाहनों की सूचना देने पर 10,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. यह कदम नागरिकों को सक्रिय रूप से इस प्रक्रिया में शामिल करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे अवैध खनन पर काबू पाया जा सके.

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सूचना देने का आसान तरीका

आपको बता दें कि कैबिनेट की बैठक के बाद, उपमुख्यमंत्री सह खान और भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह स्पष्ट किया कि नागरिक अब मोबाइल नंबर 9473191437 और 9939596554 पर अवैध खनन और ओवरलोडिंग की सूचना दे सकते हैं. सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी, जिससे लोग बिना किसी डर के इस पहल में भाग ले सकें. इससे राज्य में अवैध खनन गतिविधियों को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी.

खनन वाहनों की पहचान के लिए नई पहल

वहीं उपमुख्यमंत्री ने बताया कि खनन वाहनों की पहचान के लिए सभी वाहनों पर 20 इंच चौड़ी लाल पट्टी बनाई जा रही है, जिस पर वाहन का नंबर और खनन विभाग का रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित होगा. यह प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी, जिससे वाहनों की पहचान में आसानी होगी और अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी.

बालू की ऑनलाइन बिक्री और पारदर्शिता की दिशा में कदम

इसके अलावा आपको बता दें कि राज्य सरकार ने बालू की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी एक विशेष पोर्टल 'बालू मित्र' लॉन्च करने की योजना बनाई है. यह पोर्टल अगले दो महीनों में सक्रिय हो जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को एक समान मानक मूल्य पर बालू की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. इसके साथ ही, सरकार जब्त बालू की नीलामी भी करेगी, जो विभिन्न जिलों के बालू घाटों पर जारी चालान की दरों के आधार पर की जाएगी.

बहरहाल, बिहार सरकार का यह कदम राज्य के खनन उद्योग में स्वच्छता और पारदर्शिता लाने के साथ-साथ अवैध खनन पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. इस योजना से राज्य में खनन माफियाओं की गतिविधियों पर लगाम लगेगी और नागरिकों की भागीदारी से इस अभियान को और मजबूती मिलेगी.

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