दीया ने बताया, ’48 घंटे बाद पता चला कि मेरे शरीर में मौजूद बैक्टीरिया जानलेवा थे. अव्यान का जन्म होने के सिर्फ 36 घंटे बाद उनकी लाइफ-सेविंग सर्जरी हुई. उसकी आंत में छेद था, इसलिए उन पर स्टोमा (एक मेडिकल प्रक्रिया) लगाया गया. मैं उन्हें हफ्ते में सिर्फ दो बार देख सकती थी और जब तक उनका वजन 2.5 किलो नहीं हुआ, मैं उन्हें गोद में नहीं ले सकती थी.’