1100 साल पुरानी है जगन्नाथ मंदिर की रसोई
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दुनिया की सबसे बड़ी रसोई में मिट्टी और ईंट से बने 240 चूल्हे हैं.
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लगभग 500 रसोइए 300 सहयोगियों के साथ मिलकर 56 भोग बनाते हैं.
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हर चूल्हे पर 9 बर्तन एक के ऊपर एक रखकर खाना पकाया जाता है.
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नंबर 9 नवग्रह, 9 अनाज और 9 दुर्गाओं का भी प्रतिनिधित्व करता है.
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किचन की चौड़ाई 100 फीट है, किचन की ऊंचाई करीब 20 फीट है.
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भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में 32 कमरे हैं.
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त्योहार वाले दिन 50 हजार लोगों के लिए बनाया जाता है
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कई परिवार पीढ़ियों से यहां भोग बनाने का काम कर रहे हैं.
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कुछ लोग महाप्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाते हैं,
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शुद्ध और सात्विक भोग के लिए हर दिन नया बर्तन इस्तेमाल किया जाता है
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प्रसाद बनाने के गंगा-जमुना नाम के 2 कुओं का पानी ही इस्तेमाल करते हैं
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इस पानी को सोने के घड़े से निकाला जाता है
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मंदिर की रसोई दक्षिण-पूर्व दिशा में है
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