विष्णु पुराण के अनुसार माथे के तेज से उत्पन्न होने के कारण ही शिव-शंभू हमेशा योगमुद्रा में रहते हैं
Photo Credit : Social Media
गवान शिव के प्रारम्भिक शिष्य सप्तऋषि माने जाते हैं. जिन्होंने पृथ्वी पर उनका प्रचार-प्रसार किया
Photo Credit : Social Media
शिव के शिष्यों में बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेंद्र, प्राचेतस मनु, भारद्वाज शामिल थे.
Photo Credit : Social Media
भगवान शिव की दो पत्नियां थी पहली देवी सती और दूसरी माता पार्वती
Photo Credit : Social Media
भगवान शिव ने पहला विवाह माता सती के साथ किया जो कि प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं
Photo Credit : Social Media
दूसरा विवाह हिमालय की पुत्री पार्वती से किया था जो माता सती का ही दूसरा रूप है.
Photo Credit : Social Media
जब माता सती ने अपनी आहूती दी तब ब्रह्मा जी ने उन्हें भस्म बना दिया जिसे भगवान शिव ने लगा लिया
Photo Credit : Social Media