हनुमान जयंती पर जानिए पवनपुत्र से जुड़े 7 अनजाने रहस्य
हनुमान के पसीने से उनके पुत्र मकरध्वज का जन्म हुआ था.
पवनपुत्र हनुमान जी के 108 नाम हैं, जो उनके जीवन का सार बताते हैं.
मारुति नंदन का जन्म भगवान श्री राम से पहले हुआ था.
माता सीता के वरदान से हनुमान को चिरंजीवी पहने का वरदान प्राप्त था
हनुमान जी पर ब्रह्मास्त्र का भी कोई असर नहीं होता, कोई भी मायावी शक्ति उनके सामने टिक नहीं पाती.
हनुमान जी ने ही सबसे पहले रामायण लिखी थी
हनुमान जी माता जगदम्बा (विश्व की माता) के सेवक हैं.