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कार्मिक मंत्रालय ने बताया कि अब केंद्र सरकार के कर्मचारी अगर 20 साल या उससे अधिक की सेवा पूरी कर लेते हैं तो वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले सकते हैं और उन्हें ‘अनुपातिक आधार पर सुनिश्चित भुगतान’ मिलेगा. यानी पूर्ण पेंशन पाने के लिए 25 साल की सेवा जरूरी है, लेकिन 20 साल की सेवा के बाद भी सेवा छोड़ने पर उन्हें तय अनुपात में पेंशन मिल सकेगी. आपको बता दें कि यह नियम हाल ही में 2 सितंबर 2025 को पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया है.
किसे मिलेगा लाभ और कैसे मिलेगा?
इस योजना का फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विकल्प चुनते हैं. इसमें सेवा छोड़ने के बाद पेंशन, सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, व्यक्तिगत निधि का 60% अंतिम निकासी और केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (CGEGIS) का लाभ मिलेगा. भुगतान सेवानिवृत्ति की तारीख से शुरू होगा. यदि भुगतान शुरू होने से पहले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके पति या पत्नी को परिवार पेंशन दी जाएगी.
क्यों महत्वपूर्ण है यह बदलाव?
अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने इस निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह कदम खास तौर पर अर्धसैनिक बलों जैसे कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बहुत जरूरी है. कई बार कर्मचारी 20 साल की सेवा के बाद आगे काम करने में असमर्थ हो जाते हैं, ऐसे में यह योजना उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी.
देशभर के कर्मचारियों के लिए राहत
इस योजना से हजारों केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा. यह कदम न केवल उनकी सेवा के वर्षों का सम्मान करता है, बल्कि भविष्य की चिंता दूर करने में मदद करेगा. साथ ही, यह कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य और परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखकर सही समय पर सेवा से अलग होने का अधिकार देता है. यह योजना सरकारी सेवा में एक महत्वपूर्ण सुधार साबित हो रही है.
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