Patanjali Ayurveda: पतंजलि ने भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में आयुर्वेद को एक नई पहचान दिलाई है. जो लोगों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ जीवनशैली देने को प्रेरित कर रहा है. योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पहल के चलते आज पतंजलि स्वास्थ्य और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी नई ऊंचाईयां छू रहा है. इसके साथ ही वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी अहम योगदान निभा रहे हैं. पतंजलि आयुर्वेद की भविष्य की योजनाएं में आत्मनिर्भरता के साथ समग्र स्वास्थ्य, इनोवेशन और वैश्विक विस्तार शामिल है, जो भारत को एक सशक्त और स्वस्थ राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी है.
पतंजलि ने वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद को दिलाई पहचान
भारत को आयुर्वेद की जननी माना जाता है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चलते लोग आयुर्वेद को भूलने लगे, लेकिन पतंजलि ने एक बार फिर से आयुर्वेद को पहचान दिलाई. अब आयुर्वेद भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के देशों में लोगों के बीच पसंद किया जाने लगा है. जिसका श्रेय पतंजलि आयुर्वेद को ही जाता है. पतंजलि आयुर्वेद ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति को दुनियाभर में लोकप्रिय बना दिया है.
भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अलग-अलग देशों में भी पतंजलि के उत्पादों की मांग बढ़ी है. पतंजलि ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के चलते अपने उत्पादों की दुनियाभर में उपलब्धता को सुनिश्चित किया है. यही नहीं योग और आयुर्वेदिक अनुसंधान केंद्रों की स्थापना के जरिए भी पतंजलि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद को एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित कर रहा है.
ये है पतंजलि का उद्देश्य
पतंजलि का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन देना है. जो पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर हो. प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से लोगों को उनकी बीमारियों से निजात दिलाना और जीवनभर उन्हें स्वस्थ रखने के उद्देश्य से पतंजलि लगातार काम कर रहा है. पतंजलि योग के मुताबिक, वह व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है. इसमें आठ अंगों का समावेश है, जिन्हें अष्टांग योग कहा जाता है. इनमें यम यानी नैतिक सिद्धांत, नियम यानी व्यक्तिगत अनुशासन, आसन यानी शारीरिक मुद्राएं, प्राणायाम यानी सांस नियंत्रण, प्रत्याहार यानी इंद्रियों पर नियंत्रण, धारणा यानी एकाग्रता, ध्यान यानी मेडिटेशन और समाधि यानी आध्यात्मिक एकता शामिल है.
पतंजलि योग सत्र से हो रहा लोगों को लाभ
यही नहीं पतंजलि योग फाउंडेशन जैसे संस्थान इस आयुर्वेद की इस प्राचीन परंपरा को आधुनिक जीवनशैली में समाहित करने की भी कोशिश कर रही है. उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित पतंजलि के संस्थान में योग और आयुर्वेद के जरिए लोगों के समग्र स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है. जहां कई प्रकार के योग सत्र और कार्यशालाएं चलाई जाती हैं. इनमें हठ योग, अष्टांग योग, कुंडलिनी योग और चिकित्सीय योग शामिल हैं.
लोगों के जीवन को बदल रही पतंजलि
पतंजलि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति कई पीढ़ियों के लिए संपूर्ण उपचार का विश्वसनीय विकल्प बनकर उभरा है. जो लोगों को प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर उनका जीवन बदल रही है. पतंजलि के प्रति लोगों का बढ़ता विश्वास और उनकी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं इस बात का सबूत है कि आज पतंजलि आयुर्वेदिक चिकित्सा ने लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान पा लिया है.