राजू और श्याम की कॉमिक टाइमिंग के बीच बाबूराव गणपत राव आप्टे का किरदार परेश रावल ने ऐसा निभाया कि आज भी लोग उनके डायलॉग्स याद करते हैं.
चांद नवाब के किरदार में नवाज़ुद्दीन ने हर किसी को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया। सलमान खान की मौजूदगी के बावजूद नवाज़ का रोल यादगार बन गया था.
मोगैंबो का किरदार इतना दमदार था कि आज भी 'मोगैंबो खुश हुआ' डायलॉग सुनते ही लोग अमरीश पुरी को याद कर लेते हैं.
सिंपल और मजाकिया दुल्हे के पिता के रोल में अनुपम खेर ने हर किसी का दिल जीत लिया था.
राजकुमार राव के किरदार विजय ने न केवल कहानी को नया मोड़ दिया, बल्कि उनके नेगेटिव शेड ने दर्शकों को बांधे रखा था.
साधारण लेकिन इंटेंस किरदार में कोंकणा ने अपनी अदाकारी से फिल्म की गहराई बढ़ा दी थी.
कॉमेडी और हॉरर के बीच पंकज त्रिपाठी का रोल हर किसी को याद रहेगा जिन्होनें इस फिल्म को आइकोनिक बना दिया था.
गुरु और रघु के बीच में रितेश का विलेन का किरदार सबसे ज्यादा सराहां गया था.