नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। हर साल 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उन कौशलों की कमी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जो युवाओं को काम करने से रोकते हैं। इस साल 2025 की थीम एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण है। इस अवसर पर देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने युवाओं को बधाई दी है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विश्व युवा कौशल दिवस की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, “विश्व युवा कौशल दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। वर्ष 2025 की थीम एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण है, जो प्रेरणा देती है कि एआई के माध्यम से अर्थव्यवस्थाओं को नई दिशा मिल रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण को युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के मुताबिक विकसित करना होगा, जिससे युवाओं को असीमित अवसर प्राप्त हो सके। हमें प्रसन्नता है कि हमारा प्रदेश इस पथ पर अग्रसर है।”
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक्स पर लिखा, “सभी ऊर्जावान युवा साथियों को ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। आप सभी विकसित भारत का वह आधार स्तंभ हैं जो देश को निरन्तर प्रगति और उन्नति की दिशा में लेकर जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार की कौशल विकास योजना और स्किल इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से हम युवाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर देश के युवाओं को बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, जिसमें युवाओं के कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने युवाओं को न केवल अपनी प्रतिभा संवारने का अवसर दिया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का उचित माध्यम भी प्रदान किया है।
वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर लिखा, “विश्व युवा कौशल दिवस पर देश-प्रदेश के सभी युवाओं को उनके उज्ज्वल, प्रेरणादायी और समृद्ध भविष्य के लिए हृदय से शुभकामनाएं।”
बता दें कि विश्व युवा कौशल दिवस हर साल 15 जुलाई को मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं में कौशल विकास के महत्व को बढ़ावा देना और उन्हें रोजगार, उद्यमिता और सतत विकास के लिए तैयार करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2014 में इसकी शुरुआत की थी, ताकि तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।
--आईएएनएस
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