‘Wow! सिग्नल’: क्या एलियंस ने भेजा था अंतरिक्ष से 72 सेकेंड का पॉवरफुल मैसेज? 48 साल बाद भी अनसुलझा है रहस्य

‘Wow! सिग्नल’: विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी सटीक और शक्तिशाली तरंग केवल किसी विशेष स्रोत से ही आ सकती थी. यही कारण है कि इस पर पहला शक एलियन सभ्यता की ओर गया.

‘Wow! सिग्नल’: विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी सटीक और शक्तिशाली तरंग केवल किसी विशेष स्रोत से ही आ सकती थी. यही कारण है कि इस पर पहला शक एलियन सभ्यता की ओर गया.

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Yashodhan.Sharma
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Wow signal

सांकेतिक तस्वीर Photograph: (social)

Wow Signal: 15 अगस्त 1977 की रात अमेरिका के ओहायो राज्य में वैज्ञानिक रोजाना की तरह आकाशीय संकेतों की खोज कर रहे थे. लेकिन रात 11 बजकर 16 मिनट पर अचानक कुछ ऐसा हुआ, जिसने खगोल विज्ञान की दुनिया को हिला दिया. ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के Big Ear Radio Telescope ने एक बेहद शक्तिशाली रेडियो सिग्नल पकड़ा, जिसकी आवाज असामान्य रूप से तेज थी. यह संकेत सिर्फ 72 सेकंड तक चला और फिर हमेशा के लिए गायब हो गया. यही घटना आगे चलकर 'Wow! Signal' के नाम से चर्चित हो गई.

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आखिर हुआ क्या था

उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद खगोलशास्त्री डॉ. जेरी आर. एहमान ने  जब कंप्यूटर से निकले डेटा को देखा तो हैरान रह गए. उन्हें आउटपुट में '6EQUJ5' नामक कोड मिला. इसकी तीव्रता 36 सेकंड तक बढ़ी और फिर उतने ही समय में घट गई, मानो धरती की घूर्णन गति से टकराकर गुजरी हो. डॉ. एहमान ने इस कोड को लाल पेन से घेरा और बगल में सिर्फ एक शब्द लिखा, 'Wow!'. इसी से यह रहस्यमयी संकेत अपना नाम पा गया.

साधारण नहीं था सिग्नल

यह सिग्नल साधारण नहीं था. यह एक नैरोबैंड रेडियो सिग्नल था, जो बैकग्राउंड शोर से 30 गुना ज्यादा ताकतवर था. विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी सटीक और शक्तिशाली तरंग केवल किसी विशेष स्रोत से ही आ सकती थी. यही कारण है कि इस पर पहला शक एलियन सभ्यता की ओर गया.

 क्या था Big Ear टेलीस्कोप

‘Big Ear’ टेलीस्कोप अपने समय की अनोखी खोज मशीन थी. कई फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा यह उपकरण 1973 से लगातार ब्रह्मांड की निगरानी कर रहा था और SETI प्रोजेक्ट (Search for Extraterrestrial Intelligence) का अहम हिस्सा था. हालांकि, 1998 में इसे तोड़कर वहां गोल्फ कोर्स बना दिया गया.

वर्षों तक की खोजने की कोशिश

वैज्ञानिकों ने वर्षों तक दोबारा ऐसा संकेत खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इससे रहस्य और गहराता गया कि आखिर वह 72 सेकंड का संदेश क्या था? क्या यह सचमुच किसी एलियन का संकेत था, या फिर अंतरिक्ष की कोई प्राकृतिक घटना?

क्या कहते हैं अन्य वैज्ञानिक

कई वैज्ञानिक मानते हैं कि यह किसी तारे के विस्फोट और हाइड्रोजन बादल की टक्कर से बना हो सकता है. जबकि कुछ का कहना है कि 1420 मेगाहर्ट्ज की वह फ्रीक्वेंसी, जिस पर यह सिग्नल मिला था, खुद ब्रह्मांड की 'सार्वभौमिक भाषा' है. इसी फ्रीक्वेंसी पर हाइड्रोजन अनुनाद करता है और अगर कोई एलियन संदेश भेजना चाहे तो यही सबसे कारगर माध्यम होगा.

करीब 48 साल बाद भी 'Wow! Signal' ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमयी गुत्थियों में से एक बना हुआ है. यह घटना हमें यह अहसास कराती है कि इंसान अभी भी अंतरिक्ष के अनगिनत रहस्यों से अनजान है.

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