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China की iPhone फैक्ट्री के कर्मचारी कोविड प्रतिबंधों से डर दीवार फांद भागे

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी ने लोगों का हाल-बेहाल कर रखा है. अब इन्हीं कोरोना प्रतिबंधों से घबरा कर झेंगझू में आईफोन की सबसे बड़ी फैक्ट्री के हजारों कमर्चारी जरूरी सामान हाथ में लेकर दीवार फांद कर भाग निकले हैं.

Updated on: 31 Oct 2022, 09:22 PM

highlights

  • झेंगझू में स्थित है फॉक्सकॉन कंपनी
  • 20 हजार कर्मचारी हैं कार्यरत

नई दिल्ली:

31 अक्टूबर को चीन में कोरोना के मामलों ने 2500 का आंकड़ा पार कर लिया है, जो 80 दिनों के बाद एक दिन में आए संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं. चीन में फिर बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच एप्पल के आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी फैक्ट्री से हजारों की संख्या में कर्मचारियों के दीवार फांद भाग निकलने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर इन कर्मचारियों के भागने की वजह कड़े कोरोना प्रतिबंधों को बताया गया है. वायरल मैसेजों के मुताबिक बद् से बद्तर हालातों में रहने को मजबूर लोग कोरोना प्रतिबंधों से बेहाल हो चुके हैं. साथ ही कोरोना संक्रमण के मामलों की जांच में बरती जा रही ढील से भी वे आजिज आ चुके हैं.  

फैक्ट्री में 20 हजार कर्मचारी कार्यरत
बताते हैं कि ये फैक्ट्री मध्य हेनान प्रांत के झेंगझू में स्थित है. यहां से फॉक्सकॉन कंपनी एप्पल को सबसे ज्यादा आईफोन सप्लाई करती है. इसके लिए इस फैक्ट्री में 20 हजार कर्मचारी काम करते हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और फोटो में बताया गया है कि फैक्ट्री में खाद्य सामग्रियों की जबर्दस्त किल्लत हो गई है और कोरोना प्रतिबंधों की वजह से बाहर से भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारी जरूरी सामान हाथ में लेकर पैदल ही अपने-अपने गंतव्य के लिए निकल लिए हैं. बताते हैं कि फैक्ट्री में कोरोना संक्रमण के प्रचार-प्रसार को रोकने के क्रम में ढुलमुल रवैये से भी कर्मचारी आशंकित हैं. 

कोरोना से बचने को भागना ही श्रेयस्कर
वीडियो में कुछ कर्मचारी कहते पाए गए हैं कि भाग निकलने से ही कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है. सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में बताया गया है कि फैक्ट्री में कुल कितने लोग कोविड संक्रमित हैं, इस पर पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य सामग्रियों की किल्लत के बीच फैक्ट्री में दवाओं की भी कमी हो गई है और इस कारण स्वास्थ्य सेवा भी चरमरा गई है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक एक समय तो फैक्ट्री के प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में कार्यरत कर्मियों को ही लंच पैकेट दिए जा रहे थे. कोरोना संक्रमित लोगों को ब्रेड और नूडल्स से काम चलाना पड़ रहा था.