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इसी हफ्ते जब मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने की घोषणा थी तो यह सभी को चौंका गया। बैंकों के खुलने और एटीएम में नए नोटों के आ जाने के बावजूद लोगों की परेशानियां अभी खत्म नहीं हो सकी है।
इस बीच शुक्रवार को सोशल मीडिया पर uninstall Paytm ट्रेंड करता रहा। ट्विटर पर कई लोगों ने आरोप लगाए कि सरकार ने ऑनलाइन मर्चेन्ट नेटवर्क को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कदम उठाया।
क्यों है paytm के खिलाफ नाराजगी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के अगले ही सुबह देश भर के कुछ अखबारों के फ्रंट पेज पर Paytm का एड छपा। उस एड में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर भी इस्तेमाल की गई थी।
यही से Paytm को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस एड को लेकर बीजपी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।
हाल में चीनी सामानों को लेकर जिस तरह की नाराजगी आम लोगों में नजर आई थी, वो भी एक अहम कारण है। दरअसल, Paytm में चीन की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनी अलीबाबा की 40 फीसदी हिस्सेदारी है। हाल में ये खबर भी आई थी कि अब जल्द ही पेटीएम का अलीबाबा में विलय भी हो जाएगा।
With Jack Ma ! 🤘🏽 pic.twitter.com/LT1WrOtvnS
— Vijay Shekhar (@vijayshekhar) November 11, 2016
HIGHLIGHTS
- ट्वीटर पर uninstall Paytm की चली मुहीम
- चीनी रिटेल कंपनी अलीबाबा में विलय की ख़बर के बाद चली मुहीम