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सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है. भगवत गीता का अरबी संस्करण सऊदी अरब सरकार ने जारी किया है. न्यूज स्टेट की टीम ने सच जानने के लिए इस खबर की पड़ताल की. जब टीम भगवत गीता के सबसे बड़े प्रकाशक गोरखपुर के गीता प्रेस पहुंची तो यहां एक अलग ही कहानी पता चली. गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी ने बताया कि गीताप्रेस काफी पहले से उर्दू में भगवतगीता का प्रकाशन करता रहा है, लेकिन अरबी में अब तक गीता प्रेस का प्रकाशन नहीं हुआ है.
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उन्होंने बताया कि मुझे भी सोशल मीडिया के जरिए यह खबर पता चली है कि सऊदी अरब सरकार ने अरबी में भगवत गीता का प्रकाशन करवाया है. जब उन्होंने तहकीकात की तो यह खबर झूठी निकली. क्योंकि उर्दू या अरबी में गीता का प्रकाशन अगर होगा तो उसमें भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन की तस्वीरें नहीं लगी होंगी. इस्लाम में तस्वीरों की पूजा नहीं की जाती है.
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गीता प्रेस ने भी अपने उर्दू के संस्करण में किसी भी देवी या देवता की तस्वीर नहीं छापी है, बल्कि उसकी जगह पेड़ पौधों और प्रकृति की तस्वीर ही पुस्तक में छापी गई है. इसके अलावा अबतक किसी ने भी गीता प्रेस से अरबी अनुवाद के लिए सम्पर्क नहीं किया है. ऐसे में गीता प्रेस के मैनेजर इस खबर को भ्रामक ही करार दे रहे हैं.
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