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टि्वटर पर असुद्दीन ओवैसी के खिलाफ ट्रेंड कर रहा ओवैसी भारत छोड़ो.( Photo Credit : टि्वटर)
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टि्वटर पर असुद्दीन ओवैसी के खिलाफ ट्रेंड कर रहा ओवैसी भारत छोड़ो.( Photo Credit : टि्वटर)
अयोध्या पर 'सुप्रीम फैसले' के बाद जिस तरह से कुछ मु्स्लिम नेताओं खासकर एआईएमआईएम (AIMIM) के असुदद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के सुर बिगड़े हैं, उसने सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष में तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है. अयोध्या पर फैसले के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए असुदद्दीन ओवेसी ने कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट से कोई गलती नहीं हो सकती. इस कड़ी में उन्होंने शुक्रवार को और आगे बढ़ते हुए एक ट्वीट कर बयान दे डाला कि उन्हें अपनी मस्जिद वापस चाहिए. इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें खरी-खोटी सुनाने वालों की होड़ सी लग गई.
ओवैसी को नजरअंदाज करना बेहतर
इस बयान पर परेश रावल ने तो यहां तक कह दिया कि ओवैसी का बयान ध्यान देने के काबिल ही नहीं है. इसे तो नजरअंदाज करना ही बेहतर है. परेश रावल ने यह प्रतिक्रिया एक ट्वीट को री-ट्वीट कर जाहिर की. सिर्फ परेश रावल ही नहीं टि्वटर समेत फेसबुक पर 'ओवैसी भारत छोड़ो' सरीखी प्रतिक्रियाओं से अटा पड़ा है. गौरतलब है कि ओवैसी अयोध्या पर फैसला (Ayodhya Verdict) आने से पहले कहते आए थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार होगा. यह अलग बात है कि सुप्रीम फैसला आने के बाद ही ओवैसी और कुछ अन्य मुस्लिम नेताओं के सुर बदलने लगे थे.
Vinita ji blabbering of such insignificant nature is not worthy of our attention, leave aside an answer . At the most he is ignore worthy . https://t.co/zeAPoYaMfL
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 16, 2019
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लोग सोशल मीडिया पर उबाल खा रहे
ऋषि भारद्वाज नाम के एक टि्वटर यूजर ने लिखा है, ओवैसी वंदे मातरम (Vande Matram) के खिलाफ है. वह तीन तलाक के खिलाफ है. वह एनआरसी (NRC) के खिलाफ है. वह समान नागरिक संहिता (Commom Civil Code) के खिलाफ है. वह राम मंदिर के खिलाफ है. वह सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ है. वह जेएनयू (JNU) के समर्थक है. जेहाद को बढ़ावा देने वाले है और पाकिस्तान समर्थक है. अतः ओवैसी भारत छोड़ो. इस तरह की तमाम कड़वी प्रतिक्रियाओं से ओवैसी के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोग उबाल खा रहे हैं.
Some facts about Asaduddin owaisi:
— Rishi Bhardwaj (@rishi_bhardwaj1) November 16, 2019
1)He is against Vande Mataram
2)He is against 3 talak ban
3)He is against NRC
4)He is against Uniform Civil Code
5)He is against Ram mandir
6)He is against supreme court
7)Pro-JNU admirer
8)Jihad Aspirant and
9)Pro-Pakistani#ओवैसी_भारत_छोड़ो
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यह था अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
गौरतलब है कि अयोध्या पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जमीन का मालिकाना हक हिंदुओं (Hindu Party) को देते हुए भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का रास्ता साफ कर दिया था. वहीं संविधान (Constitution) के अनुच्छेद 142 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मुसलमानों को 5 एकड़ मस्जिद (Masjid) के लिए जमीन देने का आदेश दिया था. इस अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट का आदेश संसद में पारित कानून का दर्जा हासिल कर लेता है. हालांकि इस फैसले पर सबसे पहले जफरयाब जिलानी ने असहमति प्रदर्शित की थी. इसके बाद ओवैसी और कुछ अन्य मुस्लिम नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए.
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