Fact Check: चंद्रयान-2 से भेजी गईं इन Fake तस्वीरों को कहीं आप तो नहीं कर रहे Share
इसरो चंद्रयान से जुड़ी हर जानकारी को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर कर रहा है और उसके ट्वीटर हैंडल..
नई दिल्ली:
भारत का दूसरा मून मिशन 'चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2)' चंद्रमा पर अभी भी पहुंचा नहीं कि सोशल मीडिया में कई ऐसी तस्वीरें वायरल होने लगीं, जिन पर ये दावा किया जा रहा है कि वो चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) से भेजी गईं हैं. दरअसल जिन तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है उनका चंद्रयान 2 से कोई लेना-देना नहीं है. Newsstate फैक्ट चेक ने सबसे पहले ISRO का आधिकारिक ट्विटर हैंडल चेक किया, जहां ऐसी कोई तस्वीर नहीं मिली. ISRO ने 26 जुलाई को चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को लेकर ट्वीट किया था. इस ट्वीट के मुताबिक, चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को सफलतापूर्वक दूसरी कक्षा में प्रवेश करा दिया गया है.
Second earth bound orbit raising maneuver for #Chandrayaan2 spacecraft has been performed today (July 26, 2019) at 0108 hrs (IST) as planned.
— ISRO (@isro) July 25, 2019
For details please check https://t.co/raXNQB76O6#ISRO
इसरो ने चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा है. इसका मकसद चांद पर जीवन की संभावनाओं को तलाशना है. वहीं इसरो चंद्रयान से जुड़ी हर जानकारी को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर कर रहा है और उसके ट्वीटर हैंडल में भी कोई फोटो शेयर नहीं की गई है जो चंद्रयान से ली गई हो. इसरो के ट्वीट के अनुसार चंद्रयान 2 को सफलतापूर्वक दूसरी कक्षा में प्रवेश करा दिया है.
जब Newsstate की टीम ने गगूल रिवर्स इमेज के जरिए इन फोटोज की सच्चाई पता लगाया तो पता चला कि यह फोटो द टेलीग्राफ में 26 फरवरी 2017 को प्रकाशित लेख में मिली. इसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा ली गई थी. दूसरी इमेज को सर्च करने पर पता चला कि यह एक एनीमेटेड वीडियो से लिया गया है. जिसका टाइटल 'लाइट ओवर द मॉर्निंग अर्थ' है.
निष्कर्ष: Newsstate के फैक्ट चेक में पाया गया कि जो फोटोज सोशल मीडिया पर यह कहकर वायरल की जा रही है कि वे चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) द्वारा भेजी गई हैं, उनका इस मिशन से कोई संबंध नहीं है.
कब मिलेंगीं तस्वीरें
दुनिया को 6 सितंबर 2019 का बेसब्री से इंतजार है. यह वह तारीख है जिस दिन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) (Chandrayaan2 ) से अलग होकर लैंडर- विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. इसके बाद, रोवर चन्द्रमा की सतह पर घूमेगा और चांद के एक दिन की अवधी यानी पृथ्वी के 14 दिन की अवधि तक परीक्षण जारी रखेगा. आइए देखें वो तस्वीरें कैसे चांद पर लैंड करेगा विक्रम. अनुमान लगाने वाली इन तस्वीरों को इसरो ने अपने वेबसाइट पर जारी किया है.
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