जब एक मछुआरा रातों-रात बन गया करोड़रति.. जाने वजह
एक रिपोर्ट के मुताबिक पालघर जिले के मुरबे गांव के मछुआरे चंद्रकांत तरे की नाव मानसून में मछली पकडने पर प्रतिबंध हटने के बाद समुद्र में गई थी.
highlights
- मछलियों की नीलामी में मिले 1 करोड़ 30 लाख रुपए
- सोशल मीडिया पर मिल रही मछुआरे को बधाई
- आखिर क्या है ? रातों-रात करोड़पति बनने का सच
New delhi:
किसी ने कहा जब भगवान देता है तो छप्पर फाड़कर देता है. एक पल में किसी को भी राजा और किसी को भी रंक बना देता है. ऐसी ही एक मछुआरे की कहानी सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रही है. जिसमें एक गरीब मछुआरा कुछ पलों में ही करोड़पति बन गया. मछुआरे का कहना है कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह रातों-रात करोड़पति बन जाएगा. हालाकि यूं तो लाखों मछुआरे रोजाना मछली पकड़ने जाते हैं. पर कुछ चंद मछुआरे ही होते हैं. जिनकी किस्मत चमकती है. मछुआरे की कहानी सोशल मीडिया पर काफी पसंद की जा रही है. साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हे बधाई भी मिल रही है.
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दरअसल, मछुआरों के घर का चुल्हा मछलियों की वजह से ही जलता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पालघर जिले के मुरबे गांव के मछुआरे चंद्रकांत तरे की नाव मानसून में मछली पकडने पर प्रतिबंध हटने के बाद समुद्र में गई थी. इसी बीच चंद्रकांत ने समुद्र में जाल डाला. जब चंद्रकांत का जाल भारी हुआ तो उसने बाहर की ओर खींचा. नाव में सवार अन्य मछुआरे ये देखकर हैरान हो गए कि जाल एक बार में ही सैंकड़ों घोल मछलियां आई हैं. इसके बाद किनारे आने पर जब मछली की बोली लगाई गई तो उसके 1 करोड़ 33 लाख के करीब की बोली लगी. जिससे मछुआरा रातों-रात करोड़पति बन गया.
घोल मछली की खूबी
आपको बता दें कि घोल मछली काफी गुणकारी मानी जाती है. यह विभिन्न प्रकार की दवाई बनाने के काम में आती है. इसलिए इस मछली को सोने के दिल वाली मछली कहा जाता है. मछली के पेट में एक थैली होती है. जिसकी मार्केट में बहुत डिमांड है. इससे पहले भी कई मछुआरों को समुद्र में घोल मछली ने मालामाल किया है. सोशल मीडिया पर चंद्रकांत मछुआरे की कहानी काफी पसंद की जा रही है. यूजर्स लिख रहे हैं कि किस्मत हो तो चंद्रकांत जैसी..
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