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30 साल में 3 लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं मारीमुत्थू योगनाथन, ग्रीन योद्धा के नाम से हैं मशहूर

52 साल के मारीमुत्थू योगनाथन पेशे से एक बस कंडक्टर हैं. उन्होंने महज 22 साल की उम्र में ही पर्यावरण को संवारने का काम शुरू कर दिया था.

Updated on: 07 Mar 2021, 02:44 PM

highlights

  • 52 साल की उम्र में 3 लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं मारीमुत्थू योगनाथन
  • बीते 30 सालों से अपने पैसों से पौधे लगा रहे हैं योगनाथन
  • तमिलनाडु सड़क परिवहन निगम में बतौर बस कंडक्टर काम करते हैं मारीमुत्थू
  • सोशल मीडिया के साथ-साथ टीवी और अखबार में भी छाए मारीमुत्थू

नई दिल्ली:

कोई भी बड़ा काम करने के लिए बड़े नाम की नहीं बल्कि बड़े जिगरे की जरूरत पड़ती है. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं हुई जिन्होंने अपने मजबूत इरादों से वो काम कर डाले, जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इसी सिलसिले में आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका कारनामा सुनकर आपके पैरों के नीचे जमीन खिसक जाएगी. जी हां, आज हम आपको तमिलनाडु के रहने वाले मारीमुत्थू योगनाथन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बीते 30 सालों से अपने मजबूत इरादों पर टिके हुए हैं और प्रकृति को संवारने का काम कर रहे हैं.

52 साल के मारीमुत्थू योगनाथन पेशे से एक बस कंडक्टर हैं. उन्होंने महज 22 साल की उम्र में ही पर्यावरण को संवारने का काम शुरू कर दिया था. उस दिन से लेकर आज कर मारीमुत्थू लगातार अपने शौक को बेहद ही खूबसूरती से पूरा कर रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि तमिलनाडु राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) में बतौर कंडक्टर काम करने वाले मारीमुत्थू 30 सालों में 3 लाख से भी ज्यादा पौधे लगा चुके हैं. इससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली बात ये है कि मारीमुत्थू ने ये 3 लाख पौधे अपने पैसों से खरीदे हैं.

अपनी इस अद्भुत और अविश्वसनीय उपलब्धि को लेकर मारीमुत्थू सोशल मीडिया के साथ-साथ टीवी मीडिया, वेब मीडिया और अखबारों में भी छाए हुए हैं. मारीमुत्थू के बारे में जानने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर तारीफें हो रही हैं और लोग उन्हें असली पर्यावरण कार्यकर्ता बता रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीएसई की सामान्य ज्ञान की पांचवीं कक्षा की किताब में मारीमुत्थू योगनाथन का जिक्र है, जिसमें उन्हें 'ग्रीन योद्धा' की संज्ञा दी गई है. जानकारी के मुताबिक मारीमुत्थू सिर्फ 12वीं तक पढ़े हैं और कई सालों से तमिलनाडु राज्य सड़क परिवहन निगम में ही बतौर कंडक्टर काम कर रहे हैं.