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...मेरी मदद करो! जब पैसों के लिए भगवान ने खुद किया फोन

भगवान ने फोन किया, पैसे मांगे और महिला छह सालों तक देती रही, फिर जो हुआ वो जान हैरान हो जाएंगे आप. कैसे किसी की आस्था के नाम पर कोई उसे बेवकूफ बना देता है, पढ़िए...

Updated on: 15 Jul 2023, 11:41 AM

नई दिल्ली:

हैलो मैं भगवान बोल रहा हूं! साल 2013 में पहली बार भगवान ने खुद एक बुजुर्ग महिला को फोन किया. उसे बताया कि वो खास है, वो अलग है, उसे खुद भगवान ने किसी खास काम के लिए चुना है. भगवान ने उससे मदद मांगी, उसे स्वर्ग के चर्च में पैसे देने को कहा और ये सिलसिला करीब छह सालों तक यूं ही चलता रहा. महिला ने अबतक करीब 300,000 यूरो यानि 2.76 करोड़ रुपये स्वर्ग के चर्च में जमा कर दिए थे, मगर एक रोज उसके बच्चों को इस बात की भनक लग गई, फिर...

दरअसल विचित्र मामला उत्तर-पश्चिमी स्पेन के लियोन का है, जहां धार्मिक भ्रम से ग्रस्त एक बुजुर्ग महिला एस्पेरांज़ा, करीब छह साल तक एक स्थानीय सुविधा स्टोर की छोटी सी दराज में पैसे जमा करती रही. धीरे-धीरे ये रकम करोड़ों में पहुंच गई, लेकिन जब सालों बाद उस दराज को खंगाला तो एक फूटी कौड़ी भी बरामद नहीं हुई. असल में इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2013 से ही, जब एस्पेरांज़ा कार ड्राइव कर कहीं से घर की तरफ लौट रही थी, तभी अचानक उसे अपने अपने कंधों पर एक हाथ महसूस हुआ, जब वो घर पहुंची तो उसे बाथरूम के शीशे पर सुर्ख लाल खून से वर्जिन मैरी का नाम नजर आया, साथ ही उसपर लिखा था कि वो महिला एक संत है.

पैसे जमा करो...

इसके कुछ ही रोज बाद उसे पहली बार भगवान का फोन आता है. भगवान उसे अपना पैसा स्वर्ग के बैंक में भगवान के चेकिंग खाते में जमा करने को कहते हैं. साथ ही उसे सांसारिक बैंकों की तुलना में अच्छा ब्याज देने का वादा करते हैं. न सिर्फ इतना, बल्कि भगवान उसे बचे हुए धन से स्वर्ग में अपना घर बनाने की बात भी कहते हैं, जिससे एस्पेरांज़ा काफी खुश हो जाती है. हालांकि इसके बाद फोन पर भगवान उसे इसके बारे में किसी से कुछ भी जाहिर करने से मना करते हैं, वरना परिवार को नुकसान पहुंचाने की बात करते हैं. अबतक एस्पेरांज़ा को पूरा भरोसा हो जाता है कि वो असल में भगवान ही है. ऐसे में  इसके बाद वो बिल्कुल वैसा ही करती है, जैसा उसे करने को बोला गया था. करीब छह सालों तक लगातार महिला इस सिलसिले को जारी रखती है, मगर एक रोज उसके बच्चों को इसकी भनक लग जाती है. तब मां का सेविंग अकॉउंट चेक किया जाता है, जिसमें एक फूटी कौड़ी तक नहीं थी.

जमा कराए करोड़ों...

अब जाकर उन्हें मालूम होता कि दरअसल जो भगवान बनकर एस्पेरांज़ा को फोन कर रहा था, वो असल में एक ठग था, जो आस्था के नाम पर उसे बेवकूफ बना कर लूट रहा था. जब महिला से इस बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि एक स्थानीय स्टोर के छोटे से दराज में उसने 2013 से 2019 तक करीब 300,000 यूरो यानि 2.76 करोड़ रुपये जमा किए थे. इस दौरान करीब दो बार बैंक लोन लेकर भी पैसा दिया, जिसे वो ठग चुपचाप दराज से निकालता रहा. 

खैर बता दें कि इतने सालों के बाद अब कहीं जाकर ये मुकदमा शुरू हुआ है, ऐसे में शक के दायरे में एक लोकल दुकानदार है, जिसे महिला की मान्यताओं के बारे में अच्छी तरह जानकारी थी. इसे ही इस्तेमाल कर उसने इस पूरी विचित्र लूट की वारदात को अंजाम दिया. खबर है कि पुलिस के पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत भी मौजूद हैं.