logo-image

Video में देखें वैष्णो देवी भवन में भगदड़ से पहले और बाद का मंजर

काफी अधिक भीड़ होने की वजह से लोग वहां से नहीं निकल पाए और भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं को जान गंवाकर अपनी कीमत चुकानी पड़ी. श्रद्धालु खुद को बचाने के लिए एक दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे.

Updated on: 01 Jan 2022, 01:05 PM

highlights

  • माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की मौत
  • भगदड़ में मौत की सीधी वजह वहां ज्यादा भीड़ को बताया जा रहा है
  • खुद को बचाने के लिए एक दूसरे को रौंदते हुए निकलते गए श्रद्धालु

 

जम्मू:

माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की मौत ने नए साल पर सभी को पूरी तरह झकझोर कर दिया है, लेकिन सभी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि वैष्णो देवी भवन में सिर्फ वाद-विवाद की वजह से यह भगदड़ में क्यों तब्दील हो गई. इसकी सीधी वजह वहां ज्यादा भीड़ को बताया जा रहा है. इससे संबंधित एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ-साफ दिख रहा है कि वैष्णो देवी भवन में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा थी.

यह भी पढ़ें : वैष्णो देवी भवन में क्यों मची भगदड़? आधी रात में कैसे कुचलते हुए निकले लोग

काफी अधिक भीड़ होने की वजह से लोग वहां से नहीं निकल पाए और भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं को जान गंवाकर अपनी कीमत चुकानी पड़ी. श्रद्धालु खुद को बचाने के लिए एक दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे. देखते ही देखते वहां पर घायलों की चीख पुकार से सारा मंजर ही बदल गया. यहां हर वर्ष ही नव वर्ष के मौके पर श्रद्धालु वैष्‍णो मां का आशीर्वाद लेने के लिए पहले कटरा पहुंचते हैं और फिर उसके बाद माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए प्रस्थान करते हैं. इस बार भी वहां पर जाने वालों की संख्‍या काफी थी.

गेट नंबर-3 के पास हुआ हादसा

कटरा स्थित भवन क्षेत्र में घटना रात करीब 2.45 बजे की है. गेट नंबर-3 के पास ये हादसा हुआ था. 31 दिसंबर को माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए लोग सुबह से भारी संख्या में श्रद्धालु जुटने लगे थे. पुलिस के मुताबिक, भवन क्षेत्र में दर्शन के लिए पहुंचे कुछ लोगों में आपस में बहस हो गई थी, जिसके बाद वहां धक्का-मुक्की शुरू हो गई और देखते-देखते भगदड़ में तब्दील हो गई.

मौके पर मौजूद एक चश्मदीद नेबताया कि माता वैष्णो देवी भवन क्षेत्र में कुछ लोग माता वैष्णो देवी का दर्शन करके वहीं रूक गए, जिससे वहां जबरदस्त भीड़ इकट्ठा होने लगी. भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोगों को बाहर निकलने तक की जगह नहीं थी.