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bicycle( Photo Credit : (फोटो-Better India))
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लेकिन कोरोना पंजाब के रहने वाले 40 वर्षीय बढ़ई (कारपेंटर) धनीराम सग्गू ने इस आपदा में अपने लिए मौका तलाश लिया. उन्होंने अपनी कलाकारी दिखाते हुए लकड़ी की ऐसी साइकिल बनाई हैं, जो अब बेहद ही चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
bicycle( Photo Credit : (फोटो-Better India))
कोरोना काल (Coronavirus Covid-19) में हर कोई आर्थिक तंगी से जूझ रहा हैं, बहुत से लोगों के पास कोई रोजगार नहीं हैं. लेकिन कोरोना पंजाब के रहने वाले 40 वर्षीय बढ़ई (कारपेंटर) धनीराम सग्गू ने इस आपदा में अपने लिए मौका तलाश लिया. उन्होंने अपनी कलाकारी दिखाते हुए लकड़ी की ऐसी साइकिल बनाई हैं, जो अब बेहद ही चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
'द बेटर इंडिया' के मुताबिक, लॉकडाउन में जब काम धंधा ठप्प हो गया तो धनीराम ने अपने हुनर का इस्तेमाल कर पर्यावरण संरक्षण के लिए लकड़ी से साइकिल बनाई. यह काम उन्होंने घर में पड़ी लकड़ियों और प्लाइवुड की मदद से किया, जिसे देखकर लोग हैरान हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में वक्त बहुत थ पर काम नहीं. ऐसे में उन्होंने लकड़ी की साइकिल बनाने का ख्वाब रचा, जिसका एक कारण ये भी था कि उनके पास सिर्फ लकड़ी और प्लाइवुड जैसी चीजें और पुरानी साइकिल का सामान था.
धनीराम ने साइकिल के मैकेनिज्म को देखा और उसकी इंजीनियरिंग को बारीकी से समझा. फिर उन्होंने एक ब्लूप्रिंट डिजाइन बनाया और काम शुरू कर दिया. उन्होंने अपनी पुरानी साइकिल के पैडल, रिम, सीट और साइड स्टैंड का भी इस्तेमाल किया. पहला डिजाइन तैयार करने में उन्हें करीब एक महीना लगा. दूसरे प्रयास में उन्होंने कैनेडियन वुड का इस्तेमाल किया जो काफी हल्की, सस्ती और टिकाऊ होती है.
बता दें कि एक निजी कंपनी इस साइकिल को 15 हजार रुपये में बेच रही है, जिससे आप एक दिन में 25-30 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं. साइकिल जालंधर, दिल्ली के अलावा दक्षिण अफ्रीका और कनाडा तक बेची जा रही है. वो अब तक ऐसी 8 साइकिलें बेच चुके हैं और फिलहाल 5 पर काम कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau