New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/09/28/27-years-ago-pm-modi-paraglider-25.jpg)
पीएम मोदी ( Photo Credit : आईएएनएस)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
प्रकाश ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, मोदीजी मजबूत और साहसी थे, जब उन्होंने 1997 में अपनी पहली पैराग्लाइडिंग की थी. प्रकाश को उस समय फ्लाइंग के लिए चुना गया था.
पीएम मोदी ( Photo Credit : आईएएनएस)
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को आसमान में ले जाने के 23 साल बाद पैराग्लाइडर के एक पायलट 3 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के इस सुरम्य पर्यटन स्थल पर प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर खासा उत्साहित हैं. लेकिन मोदी से दोबारा मिलने की उनकी उम्मीदें मोदी के व्यस्त कार्यक्रम के कारण और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण टूट गई है. 1997 में जब मोदी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हिमाचल प्रदेश इकाई के प्रभारी थे, तब उन्हें पश्चिमी हिमालय में सोलंग घाटी में पहली पैराग्लाइडिंग उड़ान सीखने और इसका लुत्फ लेने का अवसर मिला.
मोदी के साथ आसमान में जाने वाले पहले पैराग्लाइडर पायलट थे बुद्धि प्रकाश (45), जो मनाली से सिर्फ 13 किलोमीटर की दूरी पर सोलंग में बैकपैकर्स, हनीमून और पर्यटकों के लिए एक जाने-माने प्रशिक्षक हैं. उत्साहित प्रकाश ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, मोदीजी मजबूत और साहसी थे, जब उन्होंने 1997 में अपनी पहली पैराग्लाइडिंग की थी. प्रकाश को उस समय फ्लाइंग के लिए चुना गया था. उन्होंने कहा कि उस समय सोलंग घाटी में कोई रोपवे नहीं था.
प्रकाश ने कहा, उस समय पैराग्लाइडिंग के लिए टेकऑफ साइट चुनौतीपूर्ण थी. किसी को पीक तक पहुंचने के लिए ट्रेक करना पड़ता था. आम तौर पर, जब पर्यटकों को झल्लाहट हो रही थी और सांस फूल रही थी, तब तक मोदीजी ने उस जगह पर बिना विराम के या तनाव लिए ट्रेक किया. उन्होंने कहा, आम तौर पर पहली बार उड़ान भर रह लोग डरते हैं, लेकिन मोदीजी इस बारे में डरे हुए नहीं थे और फ्लाइंग के दौरान भी बिल्कुल डरे नहीं थे. वास्तव में, उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक अच्छा अनुभव था. प्रकाश ने बताया कि फ्लाइट करीब 2 मिनट का था.
प्रकाश ने बताया, वास्तव में, अपने पहले अनुभव के बाद, वह एक लंबी अवधि की उड़ान के लिए जाने के इच्छुक थे. इसके लिए, उन्होंने कहा कि वह किसी और दिन समय निकालकर आएंगे. उसके बाद मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने और सोलंग घाटी में कभी नहीं लौटे. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी हमेशा अपने सार्वजनिक संबोधनों में पहाड़ी राज्य में रहने के दौरान अपने अनुभवों को साझा करना पसंद करते हैं. नवंबर 2017 में, हिमाचल चुनाव के लिए कुल्लू में चुनाव प्रचार करते हुए, मोदी ने सार्वजनिक रूप से पैराग्लाइडिंग के अपने अनुभव के बारे में बात की, जब उन्होंने दो दशक पहले सोलंग का दौरा किया था.
प्रधानमंत्री मोदी 3 अक्टूबर को फिर से उस जगह का दौरा कर रहे हैं, जहां उन्होंने अपनी टेंडम पैराग्लाइडिंग उड़ान भरी थी. दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण और शानदार इंजीनियरिंग को दर्शाने वाले मोटरवे में से एक रोहतांग र्दे के राजमार्ग सुरंग का उद्घाटन करने के बाद, यहां मोदी सोलंग में जनता को संबोधित करेंगे. प्रकाश ने कहा, मैं मोदीजी को सुनने के लिए भीड़ में से एक होऊंगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मुझे उनसे मिलने का मौका मिलेगा. प्रकाश ने मीडिया से बातचीत में बताया, मुझे उनसे दोबारा नहीं मिलने का कोई मलाल नहीं है. जब उन्होंने अपनी पहली उड़ान भरी थी, तब वह एक साधारण इंसान थे. आज वह प्रधानमंत्री हैं.
उन्होंने आगे कहा, लेकिन अभी भी मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मुझे उनके साथ उड़ान भरने का मौका मिला. प्रकाश उस समय 22 साल के थे. सन् 1990 के दशक में मोदी भाजपा के हिमाचल प्रभारी थे. स्थानीय नेता गोबिंद ठाकुर, जो अब राज्य के शिक्षा मंत्री हैं, ने मोदी को पैराग्लाइडिंग फैसिलिटी का दौरा करने की सुविधा दी थी. हिमाचल प्रदेश, जिसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर निर्भर है, हर साल भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है. कुल्लू-मनाली एक पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है. शिमला और दलाई लामा का निवास स्थान धर्मशाला भी पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है.
Source : IANS/News Nation Bureau