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हथियार से नहीं फूलों के व्यापार से ये देश कमाता है अरबों खरबों

अक्सर देशों की कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया होता है हथियारों का व्यापार. लेकिन एक ऐसा देश भी है जहां दुनिया का सबसे बड़ा फूलों का कारोबार होता है. ये देश फूलों की बिक्री से अरबों खरबों कमाता है.

Updated on: 06 Dec 2021, 04:36 PM

नई दिल्ली :

हॉलैंड को लोग ट्रैवेल डेस्टीनेशन के तौर पर जानते हैं, खूबसूरत वादियां और सर्द मौसम दुनिया भर के लोगों को हॉलैंड की तरफ खींचता है. लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि यहां दुनिया का सबसे ज्यादा फूलों का कारोबार होता है. हॉलैंड से हर दिन दुनिया भर में फूलों की सप्लाई की जाती है. दुनिया में ट्यूलिप की खेती का बड़ा हिस्सा हॉलैंड में है. लेकिन यहां सिर्फ ट्यूलिप ही नहीं बिकता, यहां पर दुनियाभर से आए फूल बेचे जाते हैं.

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हॉलैंड से हर दिन 30 करोड़ से ज्यादा फूल दुनिया भर से पहुंचते हैं. हर दिन आल्समीर, नाल्दविज और रिजंसबर्ग में तीन बड़ी फूलों की नीलामी होती है. यहां लगभग एक मिनट में 25 लाख फूलों की नीलामी हो जाती है.

                             

दुनिया में एक दिन में बिकने वाले फूलों में का आधा हिस्सा हॉलैंड की मंडियों से ही सप्लाई किया जाता है. तीन बड़े ऑक्‍शन के बाद 11 को-ऑपरेटिव नीलामी होती है. यह बिक्री वैसे ही होती है जैसे स्टॉक एक्सचेंज का काम होता है. इसलिए हॉलैंड को वॉल स्ट्रीट ऑफ फ्लावर्स भी कहा जाता है.

                             

सुबह 6 बजे फूलों की नीलामी शुरू हो जाती है. यह नीलामी एक यूरो से शुरू होती है और इसके बाद बिक्री के हिसाब से इसकी कीमत घटती-बढ़ती है. यह कीमत स्टॉए एक्सचेंज की तरह ही खरीददारों को वहां लगी 35 बड़ी डिस्‍प्ले यूनिट्स पर दिखाई देती रहती है. यह डिस्‍प्ले ट्रेडिंग रूम में लगे होते हैं जो तीन लोकेशंस पर हैं.

                            

ट्रेडिंग रूम में कीपैड और मोनीटर लगे होते हैं. यहां खरीददार मनचाही कीमत पर खरीद निश्‍चित कर सकते हैं. हॉलैंड से बाहर के ग्राहकों के लिए ऑनलाइन ऑप्‍शन भी है. यहां एक दिन पहले बिड बुक कर फूल खरीदे जा सकते हैं. इसके बाद शुरू होती है फूलों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने की होड़. यह एक दिलचस्प प्रकिया है. 2 से 3 घंटे में 280 स्कूटर ट्रॉली ड्राइवर इस काम को अंजाम देते हैं. हॉलैंड में इसके लिए एक अलग से नेविगेशन सिस्टम डवलप किया गया है. 

                          

इस सिस्टम से जुड़ी एक डिवाइस जो स्‍कूटर चालकों को डॉक संबंधी निर्देश देती है, इसे एग कहा जाता है. इस दौरान 2.5 लाख फूलों से भरी ट्रॉलियां डॉक पर पहुंचती हैं. नीलामी से लेकर डॉक तक पहुंचे के लिए केवल सुबह 6 से 11 बजे तक का समय होता है.

                        

इस दौरान 1140 लोडिंग डॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो 14 मिलियन स्‍क्वायर फीट के एरिया में फैले हैं जो करीब 243 फुटबॉल फील्ड के बराबर है. सबसे ज्यादा फूलों की बिक्री जर्मनी (29 प्रतिशत), यूनाइटेड किंगडम (14 प्रतिशत), फ्रांस (13 प्रतिशत) और इसके अलावा एशिया के बाजार में 10 प्रतिशत होती है. बचे हुए फूल अमेरिका, रूस और सर्बिया के बाजारों में भी जाते हैं.