राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो धर्मों के लोगों ने एक दूसरे की मदद कर समाज में एकता की मिसाल पेश की है। जयपुर के एक निजी अस्पताल में अनवर अहमद की पत्नी को हिन्दू युवक विनोद मेहरा ने तो विनोद मेहरा की पत्नी को अनवर अहमद ने अपनी किडनी दान दे कर जान बचायी। दोनों युवकों ने गले मिलकर इस खुशी का इज़हार किया।
जयपुर निवासी अनिता की एक किडनी फेल हो जाने के कारण वो खराब स्वास्थ्य से जूझ रहीं थी। डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी लेकिन अनिता के पति विनोद का ब्लड ग्रुप मेल नहीं खाता था इसलिए वो किडनी नहीं दे सकते थे। इसी अस्पताल में इलाज कराने आयी तस्लीम के साथ भी यही दिक्कत हुई और उनके पति अनवर अहमद भी विनोद की तरह किडनी नहीं दे सकते थे। लेकिन संयोगवश एक दूसरे की पत्नी से उनका ब्लडग्रुप मेल खाता था।
जैसे ही दोनों को एक दूसरे की स्थिति का पता चला उन्होंने धर्म की चिंता किए बगैर एक दूसरे की पत्नी को किडनी देने का फैसला किया। जिसके बाद 2 सितंबर को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन किया गया।
40 वर्षीय अनवर अहमद ने कहा कि इंसानियत के इस पर्व पर विनोद मेहरा के द्वारा दी गई किडनी से मेरी पत्नी ठीक हो गई है। मुझे विनोद ने इतना बड़ा तोहफा दिया है जिसे मैं मुंह से बयां नहीं कर सकता। वहीं, विनोद मेहरा का कहना है कि अनवर ने मेरी पत्नी को किडनी देकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है।
Source : न्यूज़ नेशन ब्यूरो