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जीवन में सफल लेकिन एंट्रेंस एग्जाम में हुए कई बार फेल, 56 वर्षीय शख्स ने दी 27 बार परीक्षा

एक व्यक्ति ने कॉलेज प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए 56 साल लगा दिए लेकिन फिर भी असफल रहा. ये खबर सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लगा होगा, ऐसा नहीं है कि शख्स ने मेहनत की.

Updated on: 29 Jun 2023, 11:42 PM

नई दिल्ली:

हममें से कई लोगों का सपना होता है कि हम किसी बेहतर जगह से पढ़ाई करें, जहां हम पढ़ना चाहते हैं, वह विश्व और देश के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक होना चाहिए. अब अगर सपना पढ़ाई करने का है तो उसके लिए प्रवेश परीक्षा तो देनी ही पड़ेगी. जब आप प्रवेश परीक्षा पास कर लेते हैं तो आप उस कॉलेज में पढ़ने के योग्य हो जाते हैं. अगर परीक्षा पास कर ली तो कॉलेज में दाखिला मिल जाएगा. अब आप सोच रहे होंगे कि आज हम प्रवेश परीक्षा और कॉलेज की बात क्यों कर रहे हैं? खबर की हेडलाइन से आपको अंदाजा हो गया होगा.

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27 बार प्रवेश परीक्षा दी
दरअसल, चीन में एक 56 साल का शख्स लगातार प्रवेश परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन अभी तक वह प्रवेश परीक्षा पास नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने एक बार नहीं बल्कि कम से कम 27 बार प्रवेश परीक्षा दी, लेकिन प्रवेश परीक्षा पास नहीं कर सके. वह चीन की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने लगातार मेहनत की लेकिन हर बार उन्हें असफलता ही मिली. प्रवेश परीक्षा के लिए प्रतिदिन 12 घंटे पढ़ाई की, शराब पीने और माहजोंग खेलने से परहेज किया. उन्होंने कड़ी मेहनत की लेकिन इस बार भी प्रवेश परीक्षा पास नहीं कर पाए.

मैं भी हार मानने को तैयार नहीं हूं
चीन के रहने वाले लियांग शी ऐसा नहीं है कि वह अपनी जिंदगी में असफल इंसान हैं. उन्होंने एक फैक्ट्री में एक छोटी सी नौकरी से लेकर अपना खुद का निर्माण सामग्री व्यवसाय स्थापित करने तक काम किया और इस प्रक्रिया में लाखों युआन कमाए. आज लियांग शी करोड़पति हैं लेकिन अब उन्हें लगता है कि यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना अब एक सपने जैसा होगा. इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अगर मैं वास्तव में सुधार की ज्यादा उम्मीद नहीं देख सकता, तो इसे दोबारा करने का कोई मतलब नहीं है.

मैंने वास्तव में हर दिन बहुत कड़ी मेहनत की. उन्होंने स्वीकार किया, "यह कहना मुश्किल है कि मैं अगले साल गाओकाओ की तैयारी जारी रखूंगा या नहीं." लेकिन गौकाओ की तैयारी के बिना जीवन उसके लिए लगभग अकल्पनीय है. उन्होंने सोचा, "यह एक कठिन निर्णय है. मैं भी हार मानने को तैयार नहीं हूं." "अगर मैं गाओकाओ लेना बंद कर दूं, तो जीवन भर जो भी चाय पीऊंगा उसका स्वाद पछतावा जैसा होगा."