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दोस्त को बारात में ना बुलाने पर, दूल्हे पर दोस्त ने ठोका 50 लाख का मानहानि का दावा 

दोस्ती में हुए मनमुटाव का एक अजब गजब  मामला हरिद्वार से सामने आ रहा है । जिसमें एक दोस्त ने अपनी शादी का कार्ड दूसरे दोस्त को दिया तो सही,  लेकिन बरात में नही ले जाने पर दूसरे दोस्त ने 50 लाख का मानहानि का केस दूल्हे राजा पर ठोका दिया।

Updated on: 29 Jun 2022, 07:08 AM

नई दिल्ली:

यूं तो आपने दोस्ती में हुए झगड़े के कई किस्से सुनने होगे। लेकिन दोस्ती में हुए मनमुटाव का एक अजब गजब  मामला हरिद्वार से सामने आ रहा है । जिसमें एक दोस्त ने अपनी शादी का कार्ड दूसरे दोस्त को दिया तो सही,  लेकिन बरात में नही ले जाने पर दूसरे दोस्त ने 50 लाख का मानहानि का केस दूल्हे राजा पर ठोका दिया। यह बात अनोखी तो है लेकिन 100 फीसदी सच है । आरोप है कि दूल्हे ने अपने दोस्त को शादी के कार्ड बांटने की जिम्मेदारी दी थी और बारातियों को बहादराबाद स्थित उसके निवास पर करीब 5:00 बजे आने को कहा था । लेकिन तय समय से पहले ही दूल्हा बरात लेकर चला गया। जिसके बाद दोस्त के साथ आए बरातीयो ने दोस्त को खरी-खोटी सुना दी। लोगों की खरी खोटी दोस्त के दिल में लग गई और उसे मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी । जिसके बाद दूल्हे ( दोस्त)  के व्यवहार और लोगों की भी मानसिक प्रताड़ना से आहत दोस्त ने अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया के माध्यम से दूल्हे को नोटिस भेजकर 3 दिन के भीतर सार्वजनिक माफी मांगने और हर्जाने के तौर पर ₹5000000 देने की मांग की है ऐसा ना होने पर कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी भी दोस्त ने दूल्हे को दी है।

दोस्त के अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया ने बताया कि रवि पुत्र वीरेंद्र निवासी आराध्य कॉलोनी बहादराबाद की शादी अंजू धामपुर जिला बिजनौर के साथ 23 जून 2022 में होनी तय थी । दूल्हे रवि ने   अपने दोस्त चंद्रशेखर पुत्र स्वर्गीय मुसद्दीलाल निवासी देवनगर कनखल को एक लिस्ट बना कर दी और शादी के कार्ड बांटने का जिम्मा दिया जिसके बाद उसके दोस्त ने घर-घर जाकर शादी के कार्ड बांटे और दोस्त की कही बातों में से एक की 5:00 बजे बहादराबाद से बिजनौर के लिए बारातियों की बस रवाना होगी।  जिस पर तय समय से पहुंचने का समाचार भी दोस्त ने सबको दिया । लेकिन दोस्त रवि तय समय से पहले ही बरात लेकर चला गया। जब चंद्रशेखर और बराती वहां पहुंचे तो उनके दिल को आहत पहुंची। जिसके बाद उन्होंने चंद्रशेखर को खरी-खोटी सुना दी।  चंद्रशेखर को अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना पहुंची। चंद्रशेखर ने अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया से इस मामले में मानहानि की बात कही । चंद्रशेखर ने उसके बाद दोस्त को मानहानि के संबंध में सूचना भी दी थी , लेकिन उसने ना तो कोई खेद जताया और ना ही कोई माफी मांगी। अब देखने वाली बात होगी कि दोस्तों के बीच यह दरार माफी में ही सुलझ जाती है या इसका परिणाम कुछ ओर होगा।