कोरोना का इलाज करने वाली डॉक्टर का इमोशनल पोस्ट वायरल, बयां की मरीजों की दर्दभरी दास्तां
डॉ. सान्ध्रा ने अपने पोस्ट में अस्पताल के अंदर मरीजों की हालत को बयां किया है. उन्होंने इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. उनका इंस्टाग्राम पोस्ट पढ़कर ही आंखों में आंसू आ जाएंगे, और लोगों को पता चलेगा कि इस महामारी को हल्के में कतई नहीं लेना है.
highlights
- डॉ. सान्ध्रा का पोस्ट पढ़कर आंखों में आंसू आ जाएंगे
- डॉक्टर ने लिखा लोगों को मरता देख दर्द हो रहा है
- डॉक्टर ने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है. इस महामारी की दूसरी लहर भारत में भी बड़ी तेजी के साथ फैल रही है. पिछले 24 घंटे में देश में 2 लाख 34 हजार से ज्यादा नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं. इस महामारी की वजह से देश में हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों में बेड्स नहीं मिल रहे हैं. तो कब्रिस्तान और श्मशानों में जगह कम पड़ गई है. ऐसे हालातों से पूरे देश में दहशत का माहौल है. इस बीच सोशल मीडिया पर डॉक्टर सान्ध्रा का एक पोस्ट बड़ी तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में डॉ. सान्ध्रा ने अस्पतालों में मरीजों की हालत को बयां किया है.
ये भी पढ़ें- कोरोना से यूपी में हाहाकार, CM योगी का बड़ा फैसला, वीकेंड पर 35 घंटे लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू भी लागू
डॉ. सान्ध्रा का इंस्टाग्राम पोस्ट पढ़कर ही आंखों में आंसू आ जाएंगे, और लोगों को पता चलेगा कि इस महामारी को हल्के में कतई नहीं लेना है. डॉ. सान्ध्रा ने अपने पोस्ट में लिखा कि 'मुझे लोगों को बताना पड़ रहा है कि उनके 22 साल के बेटे की मौत हो गई है. मैं रोगियों से झूठ बोल रही हूं कि ठीक हो जाओगे, जबकि मुझे पता है कि वो ठीक नहीं होंगे. पूरी रात सांस के लिए रो-रोकर तड़प रही महिला को सुनाना पड़ा है. लोगों को अपने सामने टूटते हुए देखना पड़ता है.'
उसने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि 'मेरे एक मरीज ने अपने आखिरी शब्दों में कहा कि उसके घर पर 11 और 4 साल के बच्चे हैं, उन्हें मरने मत दीजिएगा और ऐसा कहते हुए उसकी मौत हो गई. हमारे सामने हाथ जोड़े खड़ी मांओ को यह कहते हुए देखना कि हमारे बच्चे को बचा लो, बहुत ही दर्दनाक है. पैक्ड बॉडीज़ को देखना और खुद को सोचना बंद करने के लिए कहकर, अपने काम पर जाने के लिए मनाना बहुत ही मुश्किल है.'
View this post on Instagram
सान्ध्रा ने लिखा 'हम जितनी मेहनत से काम कर सकते हैं, उतनी मेहनत से काम करते रहना, इस उम्मीद में कि दूसरे हेल्थकेयर वर्कर भी ऐसे ही काम करेंगे, अगर खुदा न खास्ता मेरे माता-पिता को भी कोरोना हो जाए और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़े. अपने काम से वापस आकर, उन सभी चीजों के बारे में सोचकर रोना जो करने के लिए मुझे मजबूर होना पड़ा. यह सोचना कि कैसे मैं उन रोगियों को थोड़ा और अधिक प्यार दे सकती हूं, जो पल-पल मौंत से लड़ रहे हैं. यह सब सोचने के बावजूद एक दर्शक के तौर मुझे जो दर्द महसूस हो रहा है, वह उस दर्द का एक चौथाई हिस्सा भी नहीं है जो हमारे मरीज और उनके रिश्तेदार महसूस करते हैं.'
ये भी पढ़ें- दिल्ली में बेकाबू हालात के बाद लग सकता है संपूर्ण लॉकडाउन, केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए लिखा कि 'मेरा विश्वास कीजिए, आपके लिए लॉकडाउन बिल्कुल भी मुश्किल नहीं हैं. आपने वो डरावने और भयावह दृश्य नहीं देखे हैं, जो मैंने देखे हैं. काश मैं आपको लोगों के दर्द के वो वीडियो दिखा सकती, जिससे आपके अंदर घर के अंदर रहने का एक डर पैदा हो सकता. मैं इस दर्द को नहीं देखना चाहती हूं. हममें से कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता है. हमें इसकी ओर मत ले जाइए. हम पर एक एहसान कीजिए, मैं आपको घर पर रहने के लिए नहीं कह रही हूं. मैं
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में