प्लाजमा देने के लिए भारी तादाद में इकट्ठा हुए तबलीगी जमात के लोग, VIDEO वायरल

तमाम नकारात्म खबरों के बाद अब तबलीगियों को लेकर सकारात्मक खबरें सामने आ रही हैं

तमाम नकारात्म खबरों के बाद अब तबलीगियों को लेकर सकारात्मक खबरें सामने आ रही हैं

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Aditi Sharma
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प्लाजमा देने के लिए भारी तादाद में इकट्ठा हुए तबलीगी जमात के लोग( Photo Credit : वीडियो ग्रैब)

निजामुद्दीन के मरकज से निकले तबलीगी जमात के लोगों पर देशभर के राज्यों में घूम-घूम कर कोरोना का फैलाने का आरोप है. इसके बाद कई ऐसी घटनाएं सामने आई जिसमें तबलीगियों के गलत रवैये के बारे में बताया गया. कहीं उनके इलाज में सहयोग न करने की खबर आई तो कहीं स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हिंसा करने की. कुछ मामले खाना फेंकने और बिस्तर पर ही शौच करने के भी सामने आए. हालांकि इन सब से अलग अब तबलीगियों की एक अलग तस्वीर सामने आई है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कई मुस्लिम एक लाइन में खड़े नजर आ रहे हैं. वीडियो में बताया जा रहा है कि ये सभी तबलीगी जमात के वही लोग है जो निजामुद्दीन के मरकज से निकले थे.

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इसी के साथ ये भी दावा किया जा रहा है कि ये सभी लोग प्लाज्मा देने के लिए एक लाइन में खड़े हुए. हालांकि ये वीडियो कहां की है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है और न ही इस वीडियो की पुष्टी हुई है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस वक्त काफी वायरल हो रहा है. बता दें, इससे पहले भी एक खबर सामने आई थी जिसमें बताया गयाथा कि लोगों को बचाने के लिए तबलीगी जमात के लोग आगे आ रहे हैं.

बता दें, दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल करके कोरोना वायरस के चार मरीजों का इलाज चला जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया. प्लाज्मा थेरेपी करने के लिए उन लोगों का प्लाज्मा चाहिए होगा जो कोरोना को हरा चुके हैं. डॉ स्वाति महेश्वरी ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल 100 साल पहले स्पैनिश फ्लू में भी किया गया था. इबोला जैसी बीमारियों में भी प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया था.

इस थेरेपी में कोरोना बीमारी से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से खून के जरिए एंटीबॉडीज निकाली जाती हैं. यह एक पतला सा पीला तरल होता है जिसे प्लाज्मा कहा जाता है. इसके बाद उन मरीजों को यह दिया जाता है जो रोग से गंभीर रूप से बीमार हैं. ऐसा देखा गया है कि जब बाहर से रोगी के शरीर में एंटीबॉडीज डाली जाती हैं तो उसके अच्छे परिणाम मिलते हैं.

प्लाज्मा देनें से न डरें लोग

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इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर साइंस के डायरेक्टर एसके सरीन ने एक मीडिया संस्थान को दिए अपने साक्षात्कार में बताया कि लोग प्लाज्मा देने से डर रहे हैं. तो इसमें डरने की जरूरत नहीं है. यह वक्त देशभक्ति दिखाने का है. जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं वो बिना डरे आगे आएं और प्लाज्मा डोनेट करें. प्लाज्मा ब्लड डोनेशन की तरह नहीं है. जिसमें आपको तीन महीने का इंतजार करना होगा. आप चाहें तो 10 दिन बाद फिर से प्लाज्मा दे सकते हैं. इस थेरेपी में सिर्फ प्लाज्मा लिया जाएगा और कुछ नहीं.

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