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हाथ में शराब का गिलास पकड़े नजर आए BSF का बर्खास्‍त जवान तेज बहादुर यादव, Video हुआ Viral

बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. हाल ही में सोशल मीडिया पर उनका एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है.

Updated on: 05 May 2019, 06:20 PM

नई दिल्ली:

बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. हाल ही में सोशल मीडिया पर उनका एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में तेजबहादुर कुछ लोगों के साथ बैठकर हाथ में गिलास पकड़े हुए शराब पीते नजर आ रहे हैं. उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में तेजबहादुर जैसे दिखने वाले शख्स को साफ देखा जा सकता है. इसमें एक और शख्स नजर आ रहा है जो कह रहा है, ये तेज बहादुर यादव हैं पूर्व BSF जवान.

इस वीडियो को फेसबुक पेज पर आरएसएस हिंदू युवा वाहिनी ने शनिवार को डाला है. उन्होंने इस पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा है, 'दाल_बहादुर_यादव उर्फ तेज बहादुर यादव बनारस के लोगो के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ते हुए.'

हालांकि बीएसएफ जवान तेजबहादुर के इस वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये किस समय और कब की है. इसके साथ ही अभी ये भी पता नहीं चल पाया है कि उनका बार-बार नाम ले रहा शख्स कौन हैं. फिलहाल इस वीडियो पर तेजबहादुर का कोई बयान सामने नहीं आया है.

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बता दें कि बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने के बाद कैंट थाने में उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में मुकदमा दर्ज किया गया था. तेज बहादुर पर आरोप था कि नामांकन रद्द होने के बाद उन्होंने कचहरी परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया था.

गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था. यादव ने कुछ विडियो पोस्ट किए थे, जिनमें सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे. वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है.

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वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी. इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया. बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते. इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.

19 अप्रैल को तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया. उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी. बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नामक एक एनजीओ बनाया, और अब वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है, और मतों की गिनती 23 मई को होगी.