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अपनी बारात में झूमते अजय बरोट
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अजय की बारात में 200 बाराती जुटे. 800 लोगों को भव्य भोज दिया गया. कसर रही तो सिर्फ दुल्हन की, क्योंकि अजय स्पेशल चाइल्ड है. उसे कोई भी अपनी लड़की देने को तैयार नहीं था.
अपनी बारात में झूमते अजय बरोट
20 साल के अजय बरोट की इच्छा थी कि उनकी शादी बहुत धूम-धाम से हो. ऐसे भव्य इंतजाम और धूम-धड़ाका हो कि लोग देखते रह जाएं. अजय के पिता ने उसकी इच्छा को पूरा भी किया. सैकड़ों लोग जुटे. सारी रस्में निभाई गईं. बारात निकली. भव्य इंतजाम किए गए. बस अगर कुछ कमी थी, तो वह दुल्हन की. बगैर दुल्हन के हुई यह 'स्पेशल' शादी चर्चा का विषय है. यही नहीं, लोग इसके बारे में जानकर दूल्हे को आशीर्वाद भी दे रहे हैं.
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बचपन से ही अजय धूमधाम से शादी की इच्छा जताता था
बचपन से ही अजय जब भी किसी की शादी देखता तो घर वालों से यही पूछता कि मेरी शादी कब होगी. किसी भी शादी को देख अजय की बार-बार यही इच्छा जताते देखकर अजय के परिवार वालों ने अंततः उसकी शादी करने का फैसला ले ही लिया. लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि अजय के लिए दुल्हन कहां से लाई जाए? थकहार कर उन्होंने बगैर दुल्हन के ही अजय की शादी करने का फैसला किया. साथ यह भी तय किया कि बगैर दुल्हन के होने वाली इस शादी में गुजराती समाज के सभी रीति-रिवाजों का पालन किया जाएगा.
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मेहंदी-संगीत जैसी सारी रस्में भी हुईं
इस कड़ी में शादी से पहले मेहंदी, संगीत, हल्दी जैसी रस्में निभाई गईं. इसमें नजदीकी-दूर के सभी रिश्तेदार शामिल हुए. अगले दिन अजय दूल्हे की परंपरागत वेश-भूषा यानी सुनहरे रंग की शेरवानी, गुलाबी रंग की खूबसूरत पगड़ी और गुलाब की माला गले में डाल घोड़ी पर बैठे. पीछे-पीछे 200 के लगभग बाराती नाचते-गाते चल रहे थे. इसके बाद अजय के परिवार ने घर के पास स्थित सबसे शानदार बैंक्वेट हॉल में भव्य भोज का आयोजन किया. इस भोज में भी 800 के आसपास मेहमान शामिल हुए.
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अजय की इच्छा पूरी कर खुश हैं परिवार वाले
अजय के पिता के मन में सिर्फ यही मलाल था कि इतना खर्च करने के बावजूद कसर सिर्फ दुल्हन की ही रह गई. इसका कारण बताते हुए वह भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि अजय की मां का देहांत बहुत पहले हो गया था. उस वक्त अजय बच्चा ही था. थोड़ा बड़े होने पर पता चला कि अजय 'स्पेशल चाइल्ड' है. उम्र के हिसाब से उसका दिमाग विकसित नहीं हो रहा था. इसके बावजूद वह हर शादी को देख अपनी शादी की बात करता था, जबकि अजय को देखते हुए कोई भी उसे अपनी लड़की देने को तैयार नहीं था. ऐसे में अपने परिवार वालों से सलाह-मशविरा करने के बाद हमने अजय की शादी करने का निर्णय किया. भले ही दुल्हन न हो, लेकिन हमने सोच रखा था कि सारी रस्में होंगी और पूरी भव्यता के साथ कार्यक्रम होंगे. अब अपने बेटे की इच्छा पूरी करने के बाद मुझे बहुत खुशी हो रही है.
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Source : News Nation Bureau