/newsnation/media/post_attachments/images/2019/09/16/badaluram-16.jpg)
बदलूराम का बदन जमीन के नीचे है गीत पर डांस करते सैनिक (Video Grab)
अमेरिकी सैनिक आजकल असम रेजिमेंट (Assam Regiments) के मार्चिंग गीत (Marching Song) 'बदलूराम का बदन जमीन के नीचे है' पर फिदा हैं. वो इस गीत पर असम रेजिमेंट (Assam Regiments) के जवानों के साथ जमकर डांस भी कर रहे हैं. बता दें अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित मैककॉर्ड एयफोर्स बेस पर भारतीय और अमेरिकी सैनिकों का संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है. इस मौके पर जवानों ने असम रेजिमेंट के मार्चिंग गीत 'बदलूराम का बदन जमीन के नीचे है' को गाते हुए खूब डांस किया. उनका यह वीडियो वायरल हो रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो खासी प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं.
कौन हैं बदलूराम
बदलूराम की कहानी भी उनके गीत के बोल की तरह ही बड़ी दिलचस्प है. बदलूराम के गीत के बोल हैं,
एक खूबसूरत लड़की थी, उसको देख रायफलमैन चिंदी खींचना भूल गया
हवलदार मेजर देख लिया उसको पिट्टू लगाया
बदलूराम एक सिपाही था जापान वॉर में मर गया
क्वॉर्टर मास्टर स्मार्ट था उसने राशन निकाला
बदलूराम का बदन जमीन के नीचे हैं तो हमें उसका राशन मिलता है
शाबाश हल्लेलुजाह... तो हमें उसका राशन मिलता है
#WATCH Indian and American soldiers sing and dance on the Assam Regiment's marching song ‘Badluram ka badan zameen ke neeche hai’ during Exercise 'Yudhabhyas' being carried out at Joint Base Lewis, McChord in the United States of America pic.twitter.com/6vTuVFHZMd
— ANI (@ANI) September 15, 2019
'बदलूराम का बदन जमीन के नीचे है' गीत का इतिहास दूसरे विश्वयुद्ध के समय भारतीय सैनिक बदलूराम जापान के खिलाफ जंग में शहीद हो गए थे. बदलूराम की शहादत के बाद एक अधिकारी सेना को उनकी मौत के बारे में सूचित करना भूल गया. नतीजतन, बदलूराम का राशन सेना की इकाई के लिए अतिरिक्त राशन हो गया.
बदलूराम के राशन ने एक बार 100 से ज्यादा जवानों की भूख मिटाई थी और उन्हें जिंदा रखा था. बता दें कि असम रेजीमेंट की स्थापना 15 जून 1941 को शिलॉन्ग में हुई थी. मकसद जापान के बढ़ते खतरे का सामना करना था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो