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8 दिन की जुड़वा बच्चियों को दिन-दहाड़े उठा ले गए बंदर, एक की मौत

बंदरों का झुंड घर में सो रही 8 दिन की नवजात जुड़वा बच्चियों को लेकर भाग गया. बंदरों ने एक बच्ची को छत पर ले जाकर फेंक दिया जबकि दूसरी को घर के बगल से जा रहे नाले में फेंक दिया.

Updated on: 15 Feb 2021, 11:02 AM

highlights

  • तमिलनाडु के तंजावुर में नवजात बच्ची की मौत
  • जुड़वा बहनों को उठा ले गया था बंदरों का झुंड

नई दिल्ली:

भारत के कई इलाकों में बंदरों का आंतक सिर चढ़कर बोल रहा है. कुछ जगहों पर बंदर इंसानों की कीमती चीजें लूटकर ले जाते हैं तो कुछ जगहों के बंदर इंसानों पर जानलेवा हमला भी करने से नहीं चूकते. लेकिन आज हम आपको बंदरों के आंतक का ऐसा मामला बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आपकी रूह कांप जाएगी. बंदरों के आंतक से जुड़ा तमिलनाडु के तंजावुर से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां बंदरों के गैंग ने रिहायशी इलाके में स्थित एक घर में घुस आए और बेडरूम में सो रही दो बच्चियों पर हमला कर दिया.

खबरों के मुताबिक बंदरों का झुंड घर में सो रही 8 दिन की नवजात जुड़वा बच्चियों को लेकर भाग गया. बंदरों ने एक बच्ची को छत पर ले जाकर फेंक दिया जबकि दूसरी को घर के बगल से जा रहे नाले में फेंक दिया. इस पूरे मामले में एक बच्ची की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. जबकि दूसरी बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर है. बंदरों के इस खौफनाक हमले के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. 

तंजावुर के लोग बंदरों के आंतक से काफी परेशान हैं. यहां आए दिन बंदरों का झुंड रिहायशी इलाकों में घुसकर जमकर उत्पात मचाता है. इस पूरे मामले में बच्चियों की मां भुवनेश्वरी ने बताया कि उनकी दोनों बेटियां बेडरूम में सो रही थीं. इसी बीच उन्हें अचानक बच्चियों के रोने की तेज आवाजें आई. भुवनेश्वरी जब बेडरूम में पहुंची तो वहां का मंजर देख उनके होश उड़ गए. भुवनेश्वरी ने देखा की बंदरों का एक झुंड उनकी दोनों बेटियों को  उठाकर छत की तरफ जा रहा था.

बंदरों के कब्जे में बेटियों को देख भुवनेश्वरी जोर-जोर से चिल्लाने लगी. भुवनेश्वरी की आवाज सुन वहां कई स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और बंदरों के चंगुल से बच्चियों को बचाने की कोशिश करने लगे. लोगों की भीड़ देख बंदरों ने एक बच्ची को वहीं छत पर फेंक दिया जबकि दूसरी बच्ची को उन्होंने नाले में फेंक दिया. बंदरों ने जिस बच्ची को नाले में फेंका था, उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जबकि छत पर ही फेंकी गई बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, वह अब सुरक्षित है.