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ज्वालामुखी की राख से बने ये घर ईरान के अजरबेजान में बसे एक गाँव 'कांडोवन' के हैं। ज्वालामुखी की राख से बना है 700 साल पुराना ये खूबसुरत गाँव
इन गुफाओं में बसा है 600 लोगों का गांव। जी हाँ ज्वालामुखी की राख से बने ये घर ईरान के अजरबेजान में बसे एक गाँव 'कांडोवन' के हैं। इस गांव की खास बात ये है कि यहां के लोग इन टेढ़ी मेढ़ी गुफाओं में घर बनाकर रहते हैं। दरअसल ये गुफाएं कोई आम गुफा नहीं है बल्कि ये ज्वालामुखी की राख से बनी हैं जो कोण के आकार में हैं। ऊंचाई से देखने पर एेसा लगेगा जैसे ये दीमकों का घर हो। इस अजीब से गाँव की आबादी भी कम नहीं है। यहाँ लगभग 600 लोग रहते हैं। दरअसल इस गाँव का इतिहास सदियों पुराना है ये सात सौ साल पहले बना था।
क्या है इस गाँव की खासियत
- इन गुफा वाले गाँव के निवासियों का दावा है कि ये घर 700 साल पुराने हैं।
- इन घरों को लोकल भाषा में 'कारन' कहा जाता है। इसका मतलब है मधुमक्खियों का घर।
- बताया जाता है कि ये घर उस वक्त बनाए गए जब मोनगोल आर्मी के डर से लोगों ने इन गुफाओं में शरण ली।
- पिछले दो साल से यहां रहने वाले लोगों ने अपने घरों के साइज बड़े कर लिए हैं।
- कुछ लोगों ने इस गुफा में 2 से 4 मंजिलों के इमारत बना ली है।
- लोगों ने इन घरों को लग्जिरियस सामान से भी सजाया है।
अपने आप कंट्रोल होता है टेम्परेचर
- इनमें लिविंग एरिया, स्टोर रूम और जानवरों के लिए जगह बनाई गई है।
- कई घरों में पोर्च, पत्थरों की सीढ़ियां भी बनाई गई हैं।
- गुफा में होने की वजह से कई घरों का टेम्परेचर अपने आप कंट्रोल में रहता है।
- सर्दियों के मौसम में लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होती।
- गर्मियों में भी इन घरों का टेम्परेचर कूल रहता है।
Source : News Nation Bureau