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हम में से कई लोग ऐसे होंगे जिनके दिमाग में यह बात रहती है कि आखिर मरने के 24 घंटे बाद कहां जाती है आत्मा, लेकिन इसका जवाब सिर्फ कुछ ही जगहों पर लिखा हुआ है.
हमारे हिंदू धर्म में पैदा होने से लेकर मरने तक ना जानें कितनी मान्यताएं है. वहीं हर धर्म में इसके अपने मायने है. हिंदू धर्म की बात करें तो हिंदू धर्म में पैदा होने से लेकर मरने तक 16 संस्कार बताए है और यह सब संस्कार गरुड़ पुराण में लिखे हुए है. गरूड़ पुराण में इंसान से लेकर आत्मा तक के बारें में अनेक बाते बताई जाती है. हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को महपुराण कहा जाता है. इसके अलावा गरुड़ पुराण में यह भी कहा जाता है कि इंसान के कर्मों के अनुसार ही उसको फल भोगना पड़ता है. गरुड़ पुराण को भगवान विष्णु का रुप भी माना जाता है. आइए आपको बताते है कि आखिर मरने के बाद कहां जाती है आत्मा.
कई घरों में बड़े बुजुर्गो का कहना होता है कि जब कोई मर जाता है, तो उसके मरने के बाद 13 दिन तक आत्मा उसके परिवार के साथ रहती है और उसके परिवार की सारी बातें सुनती है. इसके अलावा यह भी मान्यता है कि अगले जन्म में मरने वाला इंसान क्या बनेगा क्या नहीं यह भी पता चलता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार इंसान की मृत्यु के बाद उसे यमदूत अपने साथ लेकर जाते है. जिसके बाद उसके सारे कर्म दिखाएं जाते है और फिर 24 घंटो के बाद आत्मा को 13 दिन के लिए परिवार के पास छोड़ दिया जाता है. जहां वो अपने परिवार को आवाज भी लगाती है. लेकिन परिवार के लोग उसे सुन नहीं पाते है. जहां वो परिवार की बात सुनती है. फिर आत्मा 13 दिन बाद यमलोक की तरफ जाती है. 13वें दिन पिंडदान करने के बाद ही आत्मा यमलोक जाती है. आत्मा मृत लोक से यमलोक की तरफ जाती है. जिसे पूरा करने के लिए उसे 1 साल का टाइम लगता है. जिसके लिए 13 दिनों तक मरने वाले के नाम का पिंडदान उसके 1 साल के भोजन के सामान होता है. गरुड़ पुराण के अनुसार आत्मा को 13 दिन बाद यमलोक में उसके कर्मों के अनुसार ही स्वर्ग लोक, नर्क लोक और पितृ लोक मिलता है. वही किसी इंसान ने अगर कई पुण्य और अध्यातमिक काम किए है, तो उसको देवलोक मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)