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अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 12 जून 2025 को उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। हादसे में केवल एक यात्री विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से जीवित बच पाए। हालांकि चमत्कार सिर्फ इतना ही नहीं हुआ है।
इस भीषण हादसे से जहां विमान का सख्त लोहा तक पिघल गया वहीं इस दौरान भगवद्गीता पूरी तरह सुरक्षित बच गई। इस वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
भगवद गीता की सुरक्षित मौजूदगी बनी चर्चा का केंद्र
इस त्रासदी के बीच एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने सभी की भावनाओं को झकझोर दिया। रेस्क्यू टीम को मलबे के बीच भगवद गीता की एक प्रति पूरी तरह सुरक्षित अवस्था में मिली। चारों ओर फैले जले हुए मलबे, राख में तब्दील हो चुके सामान और टूटी हुई सीटों के बीच भगवद गीता का यूं बच जाना लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। जहां अन्य कागजात जलकर राख हो चुके थे, वहां यह धार्मिक ग्रंथ पूरी तरह पढ़ने योग्य स्थिति में था।
A passenger aboard the ill-fated AirIndia flight was carrying a copy of the Bhagavad Gita. In a remarkable turn, the sacred book was found intact and unharmed amidst the wreckage at the crash site. 🙏 pic.twitter.com/VBu4jYuvIi
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) June 13, 2025
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति विमान के मलबे के बीच भगवद गीता के पन्ने दिखा रहा है। लोगों ने इस दृश्य को न केवल चमत्कार माना, बल्कि इसे आस्था, श्रद्धा और ईश्वर में विश्वास का प्रतीक बताया। बहुत से यूजर्स ने इसे दिव्य संकेत बताया और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
लंदन में श्रद्धांजलि सभा, सामूहिक प्रार्थना
इस हादसे की खबर दुनियाभर में फैली और विशेषकर लंदन स्थित एक हिंदू मंदिर में लगभग 100 लोग एकत्रित हुए। यहां एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई जिसमें योगविवेकदास स्वामी ने शोक संतप्त जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “जब जीवन असहाय महसूस होता है, तब प्रार्थना ही सबसे बड़ा संबल बनती है।” सभा में मृतकों के लिए मौन रखा गया और उनके परिजनों की सहनशक्ति के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई।
विश्वास कुमार रमेश: चमत्कारिक रूप से बचे एकमात्र यात्री
विश्वास कुमार रमेश, जो सीट संख्या 11A पर आपातकालीन द्वार के पास बैठे थे, हादसे के समय विमान के टूटने पर सीट समेत बाहर गिर गए और आग की चपेट में आने से बच गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने विमान से कूदकर नहीं, बल्कि आकस्मिक रूप से बाहर आने पर जान बचाई। उनका जीवित बच जाना अब एकमात्र आशा की किरण माना जा रहा है।
इस भयावह हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है, लेकिन भगवद गीता का सुरक्षित रहना और एक यात्री का बच जाना लोगों के लिए ईश्वर की लीला और चमत्कार का प्रतीक बन गया है। यह हादसा जहां दुःख और शोक की गाथा है, वहीं श्रद्धा और आस्था का स्मरण भी।
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