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Viral Video : न तो कोई पक्की बिल्डिंग और न ही कोई क्लासरूम, ऐसे पढ़ते हैं बच्चे!

एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक स्कूल है जो पहाड़ी इलाके में स्थित है और वह टिन की छत के नीचे ही चलता है.

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Ravi Prashant
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Government Primary Sanskrit School located at Jhal Surethi

झाल सुरेठी स्थित राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय (X)

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राजस्थान के झाल सुरेठी स्थित राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने देश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्कूल एक जंगली और पहाड़ी इलाके में स्थित है, जहां न तो कोई पक्की बिल्डिंग है और न ही कोई क्लासरूम.

वीडियो देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे एक टिन की छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करते होंगे. चारों ओर खुला आकाश और बेजान पहाड़ नजर आ रहे हैं. ये छवि देश की शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत को उजागर करती है और सरकारी स्कूलों की बदहाली पर गंभीर चिंतन की मांग करती है.

ये सबसे बड़ा सवाल है? 

वीडियो में जो दृश्य सामने आए हैं, वे देश के उन दूरदराज इलाकों में शिक्षा की दयनीय स्थिति को दर्शाते हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. यह स्कूल न केवल भवनहीन है बल्कि यह दर्शाता है कि छात्रों और शिक्षकों के लिए कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. बारिश, धूप, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के बीच बच्चों की पढ़ाई कैसे संभव हो सकती है, यह एक बड़ा सवाल है? सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और इस खबर को वीडियो के आधार पर ही बनाया गया है. 

आजादी के इतने साल भी बाद भी?

भारत को आजादी मिले 78 साल हो चुके हैं लेकिन शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने में सरकारें रहीं. सरकारी नीतियों और योजनाओं के बावजूद, ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में इस प्रकार की स्थिति सामने आना बहुत ही चिंताजनक है.

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क्या हो सही रही है राजस्थान सरकार?

राजस्थान सरकार को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और तुरंत ही उचित कदम उठाकर इस विद्यालय की हालत को सुधारने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए. स्कूल भवन की कमी को जल्द से जल्द पूरा करना, छात्रों को उचित शिक्षा वातावरण प्रदान करना और शिक्षकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सुविधाएं देना अत्यंत महत्वपूर्ण है. शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही किसी भी देश के विकास के लिए खतरनाक हो सकती है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

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