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बच्चों के बीच बार्बी डॉल काफी मशहूर है. इस डॉल को भारत ही दुनियाभर में पसंद किया जाता है. बच्चों के खिलौनों में खास तौर पर गर्ल्स के पास तो यह होती ही है. लेकिन अब मार्केट में आई डायबिटीज बार्बी डॉल. जानिए क्या है इसकी खासियत.
Diabetes Barbie Doll: दुनियाभर में लोकप्रिय बार्बी डॉल अब सिर्फ एक खेल की चीज नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और बच्चों के जीवन से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम बनती जा रही है। बार्बी डॉल की निर्माता कंपनी मटेल (Mattel) ने हाल ही में एक बेहद अनोखा और सराहनीय कदम उठाया है। कंपनी ने टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों के लिए एक विशेष बार्बी डॉल लॉन्च की है, जो न केवल इन बच्चों की भावनाओं को सम्मान देती है, बल्कि उनकी दिनचर्या और संघर्ष को भी दर्शाती है।
नई डॉल को ‘2025 बार्बी फैशनिस्टा’ सीरीज के तहत पेश किया गया है। इसका उद्देश्य सिर्फ एक नया उत्पाद लाना नहीं, बल्कि उस आबादी को प्रतिनिधित्व देना है जो आमतौर पर खिलौनों की दुनिया में नजरअंदाज कर दी जाती है। मटेल की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट क्रिस्टा बर्गर के अनुसार, "हम चाहते हैं कि हर बच्चा बार्बी में खुद को देख सके। यह बार्बी डॉल बच्चों की सोच और आत्मविश्वास को आकार देने का जरिया है।"
डायबिटीज वाली बार्बी दिखने में उतनी ही फैशनेबल है जितनी बाकी बार्बी डॉल्स। उसने नीले पोल्का डॉट्स वाला क्रॉप टॉप, फ्रिल्ड मिनी स्कर्ट और स्टाइलिश हील्स पहनी हैं। लेकिन उसकी खासियत उसकी मेडिकल एक्सेसरीज में है।
इस डॉल के साथ मिल रही ये चीजें
- कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर (CGM)
- इंसुलिन पंप
- एक छोटा बैग जिसमें इमरजेंसी स्नैक्स रखे जा सकते हैं
बार्बी की बांह पर CGM लगा हुआ है और कमर पर इंसुलिन पंप, जो टाइप-1 डायबिटीज मरीजों की वास्तविक जीवनशैली का हिस्सा हैं। यहां तक कि नीले रंग के पोल्का डॉट्स भी डायबिटीज जागरूकता का प्रतीक हैं।
टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं पर हमला करता है। इसका परिणाम यह होता है कि शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं रह पाता। इस स्थिति में मरीज को नियमित रूप से इंसुलिन इंजेक्शन या पंप की सहायता लेनी पड़ती है।
डायबिटीज बार्बी सिर्फ एक खिलौना नहीं, बल्कि सकारात्मक संदेश देने की कोशिश भी लगती है। यह डॉल दिखाती है कि बीमारी या चुनौती के बावजूद, हर बच्चा खास है और उन्हें भी वह सब कुछ महसूस करने का अधिकार है जो बाकी बच्चों को मिलता है – खेल, कल्पना और पहचान।
मटेल की यह पहल निश्चित रूप से न केवल बच्चों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि समाज को भी यह सीख देती है कि विविधता और संवेदनशीलता को कैसे अपनाया जाए।
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