/newsnation/media/media_files/2025/12/17/viral-video-dcp-sonam-2025-12-17-12-26-24.jpg)
वायरल वीडियो Photograph: (X/@SachinGuptaUP)
सोशल मीडिया पर कब क्या वायरल हो जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. हर दिन ऐसे वीडियो सामने आते हैं, जो कभी हैरान कर देते हैं तो कभी भावनाओं को झकझोर देते हैं. इसी कड़ी में इन दिनों एक ऐसा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि एक हाथी उफनती पहाड़ी नदी में बहते हुए बाघ की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करता.
वीडियो में क्या दिखा
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पहाड़ी इलाका है, जहां नदी तेज बहाव में उफान पर है. इसी दौरान एक बाघ पानी के तेज बहाव में बहता हुआ नजर आता है. बाघ खुद को बचाने की कोशिश करता है लेकिन धारा काफी तेज होती है. तभी नदी के बीच एक विशाल हाथी दिखाई देता है. बाघ को संकट में देख हाथी उसकी ओर बढ़ता है. कुछ ही पलों में बाघ हाथी के पास पहुंचता है और उसके शरीर पर छलांग लगाकर बैठ जाता है. इसके बाद हाथी बड़ी सावधानी से बाघ को सुरक्षित किनारे तक पहुंचा देता है.
देखने में लगता है पूरी तरह असली
वीडियो इतना वास्तविक नजर आता है कि पहली बार देखने वाला इसे सच मान लेता है. हाथी की चाल, नदी का बहाव और बाघ की प्रतिक्रिया सब कुछ बेहद नेचुरल दिखाई देता है. इसी वजह से लाखों यूजर्स ने इसे शेयर किया और हाथी को दयालु और बहादुर बताते हुए भावुक प्रतिक्रियाएं दीं.
सामने आई एआई की सच्चाई
हालांकि, जब वीडियो की गहराई से जांच की गई तो पता चला कि यह कोई असली घटना नहीं है. यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है. आज के दौर में एआई टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है कि वह इंसानों और जानवरों से जुड़े ऐसे दृश्य बना सकती है, जो हूबहू असली जैसे लगते हैं. इस वीडियो में भी एआई टूल्स का इस्तेमाल कर हाथी और बाघ का यह भावनात्मक दृश्य तैयार किया गया है.
लोगों के रिएक्शन
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स के रिएक्शन की बाढ़ आ गई. कुछ लोगों ने इसे इंसानियत की मिसाल बताया, तो वहीं कई यूजर्स ने एआई की ताकत पर हैरानी जताई. कई यूजर्स ने यह भी कहा कि ऐसे वीडियो लोगों को भ्रमित कर सकते हैं और बिना जांच के किसी भी कंटेंट पर भरोसा नहीं करना चाहिए.
एआई कंटेंट को लेकर सतर्कता जरूरी
यह वायरल वीडियो एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि डिजिटल दौर में सच और झूठ के बीच फर्क करना कितना मुश्किल होता जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि एआई जनरेटेड कंटेंट को पहचानना और उसकी पुष्टि करना बेहद जरूरी हो गया है, ताकि लोग किसी भी फर्जी या भ्रामक जानकारी का शिकार न हों.
कोठियों से मुल्क के मेआर को मत आंकिए
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) December 16, 2025
असली हिंदुस्तान तो फुटपाथ पे आबाद है...
शायर अदम गोंडवी की इन पंक्तियों का मतलब है कि देश के असली हालत/स्तर को बड़ी-बड़ी कोठियों से नहीं, बल्कि आम लोगों की जिंदगी, खासकर फुटपाथ पर रहने वाले गरीब लोगों की दशा से आंका जाना चाहिए।
तस्वीर आगरा… pic.twitter.com/kqc3X0LqVi
ये भी पढ़ें- बहते हुए बाघ के लिए हाथी बना भगवान, बीच नदी में जाकर बचाई जान, देखें वीडियो
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us