Shocking: इस शख्स की बेरहमी से तड़प-तड़प कर हो गई गायों की निर्मम मौत, अब जीवन भर नहीं पाल सकेगा पशु

एक किसान को जानवरों के प्रति बेरहमी काफी महंगी पड़ी. दरअसल इस किसान की बेरहमी की वजह से कई गायों को तड़प-तड़प कर मौत हो गई और कई गंभीर रूप से बीमार हो गई हैं.

एक किसान को जानवरों के प्रति बेरहमी काफी महंगी पड़ी. दरअसल इस किसान की बेरहमी की वजह से कई गायों को तड़प-तड़प कर मौत हो गई और कई गंभीर रूप से बीमार हो गई हैं.

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Dheeraj Sharma
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cow dead man left in mud

Cow Dead: गाय दुनिया के सबसे सीधे प्राणियों में गीनी जाती है। दुनियाभर में गाय को जानवरों में एक अलग दर्जा प्राप्त। भारत में तो गाय को माता का दर्जा भी दिया गया है। लेकिन इस बीच विदेश से गाय से जुड़ी दिल तोड़ देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक शख्स की अनदेखी या फिर क्रूरता के चलते गाय की जान चली गई। इसके बाद जो हुआ वह जानकर शायद आपको थोड़ी राहत मिलेगी। मामला ब्रैडफोर्ड का है जहां एक किसान माल्कम मोस्ले को जानवरों की अत्यधिक उपेक्षा और अमानवीय व्यवहार के चलते अदालत ने जीवनभर के लिए पशुपालन से प्रतिबंधित कर दिया है। 

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मोस्ले पर आरोप था कि उन्होंने अपने खेत, प्रिमरोज़ फार्म (रिडल्सडेन, कीथले) में 45 गायों की अनदेखी की, जिससे कई गायें गंभीर रूप से बीमार हो गईं, और कुछ की मौत भी हो गई।

जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे 

ब्रैडफोर्ड काउंसिल के अधिकारियों की ओर से सितंबर 2022 में की गई एक जांच के दौरान खौफनाक दृश्य सामने आए। अधिकारियों को फार्म में एक गाय कीचड़ में डूबी हुई मृत अवस्था में मिली, जबकि एक अन्य गाय बर्फ में जमी हुई हालत में चारे के पास फंसी हुई पाई गई। कई अन्य गायें कुपोषित, टूटी टांगों, और घातक संक्रमण से जूझ रही थीं। एक गाय की सींग आंख के पीछे की त्वचा को छेद चुकी थी, जिससे वह दर्द में थी।

न भोजन, न पानी, न देखभाल

जांच में यह भी पाया गया कि गायों को न तो चारा दिया जा रहा था और न ही पीने का पानी उपलब्ध था। उनके रहने की जगहों में बिस्तर का कोई प्रबंध नहीं था, और पानी की नादें सूखी हुई थीं। परिषद की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि मोस्ले को सुधार के आदेश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने पालन नहीं किया और कुछ मामलों में इलाज की बजाय जानवरों को गोली मरवाने का विकल्प चुना।

अदालत में फैसले की सुनवाई

ब्रैडफोर्ड क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान, मोस्ले ने जानवरों को अनावश्यक पीड़ा देने और कल्याण सुनिश्चित न करने से जुड़े 9 आरोप स्वीकार किए। हालांकि जेल की संभावना के बावजूद अदालत ने उन्हें 12 महीने की सामुदायिक सेवा और 300 घंटे नि:शुल्क सेवा की सजा दी।

उनकी वकील ने बताया कि मोस्ले पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे, और उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था। फार्म उन्होंने अपने माता-पिता से विरासत में पाया था, और उनका कहना था कि वह सद्भावना से काम कर रहे थे, लेकिन अपनी अक्षमता के कारण असफल रहे।

खर्च और जिम्मेदारी

इस केस की जांच और सुनवाई में लगभग 10,000 पाउंड की लागत आई, लेकिन अदालत ने मोस्ले को केवल 1,000 पाउंड का भुगतान करने का आदेश दिया।

यह मामला न केवल पशु कल्याण की जिम्मेदारी को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भावनात्मक असफलता और शारीरिक अक्षमता पशुओं की जान पर कितनी भारी पड़ सकती है।

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