सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक तरुण रयान दिख रहे हैं, जो एक चिकन की दुकान चला रहे हैं. इस वीडियो ने लोगों का ध्यान खींचा है क्योंकि इसमें तरुण की मेहनत और पढ़ाई के प्रति उनकी समर्पण की झलक मिलती है. यह वीडियो न केवल उनके संघर्ष की कहानी बयां करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी पढ़ाई के साथ-साथ व्यवसाय को भी सफलतापूर्वक चला सकता है.
50 रुपये में 100 ग्राम चिकन
दरअसल, एक वीडियो सामने आया हैा, जिसमें देखा जा सकता है कि एक विदेशी नागरिक तरुण की दुकान पर आता है और चिकन का रेट पूछता है. तरुण मुस्कुराते हुए बताते हैं कि 100 ग्राम चिकन का दाम 50 रुपये है. इसके बाद विदेशी कस्टमर और तरुण के बीच बातचीत शुरू होती है. बातचीत के दौरान विदेशी नागरिक तरुण से उनके शिक्षा के बारे में पूछता है.
इस पर तरुण बताते हैं कि वे बायोटेक्नोलॉजी से पीएचडी कर रहे हैं. यह सुनकर विदेशी कस्टमर हैरान होता है और उसकी उत्सुकता और बढ़ जाती है. तरुण आगे बताते हैं कि वे न केवल एक चिकन की दुकान चला रहे हैं, बल्कि वे एक रिसर्च स्कॉलर भी हैं, जिनके आर्टिकल्स गूगल पर भी उपलब्ध हैं.
ये भी पढ़ें- कोलकाता की मशहूर कचौरी खाकर विदेशी फूड ब्लॉगर हुआ बीमार, तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो
सोशल मीडिया पर छा गए हैं तरुण
इस वीडियो ने उन लाखों लोगों को प्रेरित किया है, जो पढ़ाई और रोजगार को संतुलित करने के लिए संघर्ष करते हैं. तरुण रयान की कहानी इस बात का उदाहरण है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी बाधा रास्ते में नहीं आ सकती. उनके इस कठिन परिश्रम और शिक्षा के प्रति समर्पण ने उन्हें सोशल मीडिया पर लोगों का प्यार और प्रशंसा दिलाई है.
कहानी ऐसी कि हर कोई हो जाए प्रेरित
तरुण की इस कहानी से यह साफ हो जाता है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है चाहे परिस्थितियां कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों? उनकी यह उपलब्धि प्रेरणास्पद है और यह संदेश देती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं तो किसी भी मुश्किल को पार करना संभव है.
तरुण रयान ने न केवल अपनी पढ़ाई के प्रति निष्ठा दिखाई है बल्कि समाज में एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया है. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और उनके संघर्ष की सराहना कर रहे हैं. यह वीडियो यह भी दर्शाता है कि जीवन में कोई भी कार्य छोटा नहीं होता, बस उसे करने के लिए सही दृष्टिकोण और समर्पण की आवश्यकता होती है. तरुण की कहानी इस बात का प्रतीक है कि कठिनाइयों के बावजूद भी सपनों को पूरा किया जा सकता है.